जम्मू, एजेंसी : गुपकार गठबंधन ने सोमवार को कहा कि पिछले महीने पीएम नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक के नतीजे से निराश हैं। जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक बंदियों की रिहाई जैसे विश्वास बहाली के उपायों की कमी से निराशा है। कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल होने के बाद ही विधानसभा चुनाव हों।

गुपकार गठबंधन की रविवार शाम श्रीनगर में डॉ फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में उनके आवास पर बैठक हुई। इस बैठक में गठबंधन की उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, एमवाई तारिगामी, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी, जावेद मुस्तफा मीर और मुजफ्फर अहमद शाह शामिल थे। सभी नेता 24 जून को दिल्ली में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हाल ही में हुई बैठक पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा हुए थे।

पीएजीडी के प्रवक्ता एवं माकपा नेता एमवाई तारिगामी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि पीएजीडी ने सभी संवैधानिक, कानूनी और राजनीतिक साधनों का उपयोग करते हुए पांच अगस्त 2019 को हुए फैसले को उलटने के लिए एक साथ लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। जिसमें कहा गया इन परिवर्तनों को पूर्ववत करने के लिए पीएजीडी का संघर्ष जारी रहेगा। परिसीमन आयोग से मिलने से संबंधित सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पीएजीडी एक ऑटोनॉमस बॉडी है, सभी राजनीतिक दल इस संबंध में अपने स्तर पर फैसला लें।

उन्होंने बताया कि पीएजीडी के सभी सदस्यों ने राजनीतिक व अन्य कैदियों को जेलों से रिहा करने के लिए ठोस कदम उठाने जैसे किसी भी महत्वपूर्ण विश्वास निर्माण उपायों के अभाव में दिल्ली की बैठक के परिणाम पर निराशा व्यक्त की। जहां तक राज्य का दर्जा बहाल करने का सवाल है, यह संसद के पटल पर भाजपा की प्रतिबद्धता रही है और उन्हें अपने वचन का सम्मान करना चाहिए। इसलिए कोई भी विधानसभा चुनाव जम्मू-कश्मीर के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के बाद ही होना चाहिए। इस उद्देश्य के लिए पीएजीडी ने इस मुद्दे पर एक सामान्य स्थिति लाने के लिए जम्मू-कश्मीर में अन्य राजनीतिक दलों तक पहुंचने का फैसला किया है।

 

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