जम्मू, एजेंसी : सत्तर फीसदी से कम भूजल निकासी के साथ जम्मू-कश्मीर के भूमिगत जल संसाधन सुरक्षित हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में भूजल संसाधनों का आकलन किया गया है। कुल वार्षिक भूजल पुनर्भरण का अनुमान 4.68 बीसीएम (अरब घन मीटर) और वार्षिक निकालने योग्य भूजल संसाधन 4.22 बीसीएम है।
हालांकि, अध्ययन में कृषि और घरेलू उपयोग के लिए उपयुक्त वैज्ञानिक हस्तक्षेपों के माध्यम से भूमिगत जल के विवेकपूर्ण उपयोग की सिफारिश की गई है। इसके अलावा किसानों को सब्सिडी वाली बिजली नीति की समीक्षा, उपयुक्त जल मूल्य निर्धारण नीति, पानी की व्यापक और गैर-व्यापक फसलों की विवेकपूर्ण खेती के लिए फसल रोटेशन की सिफारिश की गई। सभी मूल्यांकन इकाइयों को ‘सुरक्षित’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
इस साल जून में जारी रिपोर्ट के निष्कर्षों पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को बैठक की अध्यक्षता करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता ने जल शक्ति विभाग को केंद्र शासित प्रदेश में चिन्हित भूजल संसाधनों की कमी को रोकने का काम सौंपा।