नई दिल्ली, एजेंसी : जयशंकर ने भारत और फ्रांस के संबंधों को वर्तमान समय में बेहत महत्वपूर्ण करार देते हुए कहा कि 21वीं सदी में बहुपक्षवाद को मजबूत करने के लिए और हिंद-प्रशांत क्षेत्र से समृद्ध भविष्य के लिए भारत और फ्रांस की रणनीतिक साझेदारी और भी अधिक प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि भारत, फ्रांस को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थायित्व के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में देखता है और इस क्षेत्र में अपना एक प्रमुख भागीदार मानता है।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत की विकास दर 9.5 फीसदी रहने की और कम से कम 2025 तक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने की उम्मीद है। सभी क्षेत्रों में व्यापक रूप से विकास हो रहा है और कोई भी क्षेत्र इससे अछूता नहीं है। पिछले साल हमारे एफडीआई में 13 फीसदी का इजाफा हुआ था जबकि वैश्विक प्रवाह 42 फीसदी कम हुआ था। इसके साथ ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेश ने घरेलू निवेश में वृद्धि के साथ गति बनाए रखी है।
उन्होंने कहा कि हमारे सामूहिक भविष्य के लिए तीन क्षेत्र गंभीर महत्व वाले हैं। ये क्षेत्र हैं स्वास्थ्य, जलवायु और डिजिटल। इनमें से हर एक न केवल हमारी अर्थव्यवस्थाओं के लिए बल्कि उभरती दुनिया में वैश्विक प्रतिस्पर्धा और नेतृत्व का निर्माण करने के लिए भी हमारी साझेदारी के लिए एक आशाजनक अवसर हैं। विदेश मंत्री जयशंकर की यह टिप्पणी, क्षेत्र में चीन की सैन्य ताकत को लेकर वैश्विक समुदाय के बीच बढ़ती चिंता के बीच आई है।