नई दिल्ली : पिछले साल प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) बाजार गुलजार रहा। तरलता की बेहतर स्थिति तथा निवेशकों की उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के चलते कंपनियों ने साल 2020 में आईपीओ के जरिए करोड़ों रुपये जुटाए हैं। इस साल भी आईपीओ बाजार से निवेशकों को बंपर मुनाफा हुआ है। आईपीओ बाजार में हलचल अब भी जारी है। भारत की स्टार्टअप कंपनी ओयो होटल्स एंड होम्स ने आईपीओ के जरिए 8,430 करोड़ रुपये जुटाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी के समक्ष आवेदन किया है।
इन उद्देश्यों के लिए खर्च की जाएगी आईपीओ से जुटाई गई राशि
सेबी के समक्ष दायर किए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स (DRHP) के मुताबिक आईपीओ में 7,000 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयरों का ताजा निर्गम होगा, इसमें 1,430 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश शामिल है। निर्गम से मिली राशि का इस्तेमाल पुनर्भगतान के लिए किया जाएगा। इसमें ओयो की सहायक कंपनियों द्वारा लिया गया 2,441 करोड़ रुपये का कर्ज भी शामिल है। इसके अतिरिक्त आईपीओ से जुटाई गई राशि कारोबार विस्तार और कॉर्पोरेट उद्देश्य के लिए खर्च की जाएगी।
ओयो में जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप की 46 फीसदी हिस्सेदारी
मालूम हो कि ओयो में जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प की 46 फीसदी हिस्सेदारी है। हुरुन ग्लोबल रिच लिस्ट 2020 के अनुसार, ओयो के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रितेश अग्रवाल दुनिया के दूसरे सबसे युवा सेल्फ मेड अरबपति हैं। ओयो देश की सबसे बड़ी स्टार्टअप कंपनियों में से एक है। इसकी स्थापना 2013 में रितेश अग्रवाल ने की थी। यह दुनियाभर में बजट होटल्स के लिए एग्रीगेटर का काम करती है।
माइक्रोसॉफ्ट ने किया था 37 करोड़ रुपये का निवेश
हाल ही में अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने भारत की स्टार्टअप कंपनी ओयो में 50 लाख डॉलर यानी करीब 37 करोड़ रुपये का निवेश किया था। इस निवेश के बाद कंपनी की वैल्युएशन 9.6 अरब डॉलर यानी 668 अरब रुपये से अधिक हो गई है।