नयी दिल्ली, एजेंसी। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को पाकिस्तान का और अरुणाचल प्रदेश को एक अलग हिस्से के रूप में दिखाए जाने का मामला उठाते हुए केंद्र सरकार से इस पर उचित कदम उठाने की मांग की।
उच्च सदन में शून्य काल के दौरान तृणमूल कांग्रेस के शांतनु सेन ने जब यह मामला उठाया तो सभापति एम वेंकैया नायडू ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस मामले को संज्ञान में लेते हुए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया।
सेन ने कहा कि एक कोरोना योद्धा के रूप में वह अक्सर अंतरराष्ट्रीय आंकड़े जानने के लिए कोविड-19 संबंधी डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट देखते हैं लेकिन उस समय उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब उन्होंने जम्मू एवं कश्मीर को पाकिस्तान का और अरुणाचल प्रदेश को अलग हिस्से के रूप में दिखाया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘30 जनवरी को जब मैं अंतरराष्ट्रीय आंकड़े ‘कोविड-19 डॉट डब्ल्यूएचओ डॉट आईएनटी’ पर देख रहा था तब मैंने पाया कि भारत के मानचित्र को ब्लू रंग में दिखाया गया है। आश्चर्यजनक रूप से जम्मू एवं कश्मीर का रंग अलग दिखाया गया था। जब मैं ब्लू रंग वाले हिस्से पर क्लिक कर रहा था तो उसमें भारत के आंकड़े दिखा रहा था लेकिन जब मैंने दूसरे रंग (जम्मू एवं कश्मीर) को क्लिक किया तो वह पाकिस्तान के आंकड़े दिखा रहा था।’’
उन्होंने कहा कि उन्हें उस समय और आश्चर्य हुआ जब जम्मू एवं कश्मीर के एक हिस्से को अलग रंग में दिखाया जा रहा था। उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू एवं कश्मीर के हिस्से के भीतर के एक हिस्से को क्लिक करने पर वह चीन के आंकड़े बता रहा था। इतना ही नहीं, मैंने उस मानचित्र में यह भी देखा कि अरुणाचल प्रदेश को भी अलग हिस्से के रूप में दिखाया गया है।’’
सेन ने कहा कि इस मामले में सरकार को बहुत अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘खासकर, तब जब हमारी सरकार अपने ही मंत्रियों और विपक्ष के नेताओं, विशेष रूप से हमारी पार्टी के नेता और महासचिव अभिषेक बनर्जी के खिलाफ सक्रिय होकर जासूसी के लिए पेगासस खरीद रही है।’’
सभापति नायडू ने इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर से कहा कि वह इस मामले का संज्ञान लें।