नयी दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बृहस्पतिवार को कहा कि ड्रोन की आसानी से उपलब्धता ने सुरक्षा चुनौतियों की जटिलता बढ़ा दी है और भारतीय सेना खतरों से प्रभावी तरीके से निपटने की क्षमताएं विकसित कर रही है चाहे ये खतरे देश प्रायोजित हों या देशों ने खुद पैदा किए हों।
एक विचार समूह (थिंक टैंक) में दिए गए संबोधन में जनरल नरवणे ने कहा कि सुरक्षा प्रतिष्ठान चुनौतियों से अवगत हैं और इनसे निपटने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम खतरे से निपटने के लिए क्षमताएं विकसित कर रहे हैं, चाहे ये खतरे देश प्रायोजित हों या खुद देशों ने पैदा किए हों। हम गतिज और गैर गतिज क्षेत्र दोनों में ड्रोन खतरे से निपटने की क्षमताएं विकसित कर रहे हैं।’’ जनरल नरवणे से जम्मू वायु सेना स्टेशन पर हाल में हुए ड्रोन हमले के बारे में पूछा गया था।
जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर हालात पर सेना प्रमुख ने कहा कि भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच फरवरी में हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद नियंत्रण रेखा पर कोई घुसपैठ नहीं हुई। उन्होंने कहा कि कोई घुसपैठ न होने के कारण कश्मीर में आतंकवादियों की संख्या कम है और आतंकवाद से संबंधित घटनाएं भी कम हुई हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमेशा ऐसे तत्व रहेंगे जो शांति और विकास की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश करेंगे, हमें इसका ध्यान रखना होगा।’’ हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।
जनरल नरवणे ने कहा, ‘‘हमारा जम्मू कश्मीर में आतंकवाद रोधी और घुसपैठ रोधी मजबूत तंत्र है तथा शांति एवं सामंजस्य सुनिश्चित करने का हमारा अभियान जारी रहेगा।’’