नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ओवर द टॉप यानी OTT प्लेटफॉर्म्स पर जो भी कंटेंट दिखाया जाता है, उसकी स्क्रीनिंग होनी चाहिए, क्योंकि कुछ प्लेटफॉर्म्स पर तो पोर्नोग्राफी भी दिखाई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सोशल मीडिया और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स को रेगुलेट करने के लिए बनी नई गाइडलाइन सौंपने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट अमेजन की क्रिएटिव हेड अपर्णा पुरोहित की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई कर रहा था। वेब सीरीज तांडव में हिंदू देवी-देवताओं का अपमान होने और प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद की गरिमा से खिलवाड़ करने के आरोपों के बाद उत्तर प्रदेश के तीन शहरों लखनऊ, नोएडा और शाहजहांपुर में FIR दर्ज हुई थी।

लखनऊ में दर्ज FIR में अमेजन की क्रिएटिव हेड का भी नाम है। इसके खिलाफ उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दी थी, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की। सुप्रीम कोर्ट से उन्हें आज भी जमानत नहीं मिली। इस मामले में सुनवाई शुक्रवार तक के लिए टाल दी गई है।

फिल्में देखने का ट्रेडिशनल तरीका पुराना हो चुका: सुप्रीम कोर्ट

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिल्में देखने का ट्रेडिशनल तरीका अब पुराना हो चुका है। लोगों का इंटरनेट पर फिल्में देखना अब कॉमन है। हमारा सवाल है कि क्या इसकी स्क्रीनिंग नहीं होनी चाहिए?

इससे पहले अमेजन की क्रिएटिव हेड की तरफ से पेश वकील ने कहा कि अपर्णा पुरोहित अमेजन की इम्प्लॉई हैं। इस मामले में प्रोड्यूसर और एक्टर आरोपी हैं। कंपनी आरोपी नहीं है। सिर्फ पब्लिसिटी हासिल करने के लिए इस तरह के केस दायर किए जाते हैं।

अमेजन पर जनवरी में रिलीज हुई थी तांडव

सैफ अली खान, मोहम्मद जीशान अयूब और डिंपल कपाड़िया स्टारर तांडव वेब सीरीज जनवरी में अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुई थी। सीरीज के कई सीन्स को लेकर आपत्तियां उठी थीं। इनमें हिंदू-देवी देवताओं के अपमान, पुलिस की गलत छवि दिखाने और प्रधानमंत्री जैसे संवैधानिक पद की गरिमा से खिलवाड़ के आरोप लगे थे।

 

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