गुवाहाटी, एजेंसी।  असम में छह अप्रैल को तीसरे चरण का मतदान है। इससे पहले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तालुमपुर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। रैली के दौरान एक कार्यकर्ता की तबीयत अचानक खराब हो गई और वह बेहोश हो गया। मंच से भाषण दे रहे पीएम मोदी की नजर जैसे ही उस कार्यकर्ता पर पड़ी तो उन्होंने भाषण रोककर तुरंत अपने डॉक्टरों की टीम भेजने को कहा। मंच से मोदी ने कहा, ‘ये जो पीएमओ की मेडिकल टीम है, वो जरा जाए वहां, एक कार्यकर्ता को पानी के अभाव में कुछ तकलीफ हुई है, तुरंत उनकी मदद कीजिए। मेरे साथ जो डॉक्टर आए हैं, वो जरा हमारे साथी की मदद करें। यहां का कोई अपना बंधु को पानी के अभाव में तकलीफ हुई है।

पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें…

–  प्रधानमंत्री ने कहा कि असम की पहचान का बार-बार अपमान करने वाले लोग, यहां की जनता को बर्दाश्त नहीं हैं। असम को दशकों तक हिंसा और अस्थिरता देने वाले, अब असम के लोगों को अब एक पल भी स्वीकार नहीं हैं। असम के लोग विकास, स्थिरता, शांति, भाईचारा, सद्भावना के साथ हैं।

–  हम जब भी कोई योजना बनाते हैं, तो सबके लिए बनाते हैं। हर क्षेत्र के लोगों को, हर वर्ग के लोगों तक, बिना भेदभाव, बिना पक्षपात, उस योजना का लाभ पहुंचाने के लिए हम कड़ी मेहनत करते हैं।

–  देश में कुछ बातें ऐसी गलत चल रही हैं, अगर हम समाज में भेदभाव करके, समाज के टुकड़े करके अपने वोटबैंक के लिए कुछ दे दें, तो दुर्भाग्य देखिए, उसे देश में सेक्युलरिज्म कहा जाता है। लेकिन अगर सबके लिए काम करें, बिना भेदभाव के सबको देते हैं, तो कहते हैं कि ये कम्युनल हैं। सेक्यूलरिज्म-कम्यूनिज्म के इस खेल ने देश का बहुत नुकसान किया है।

– हम परिश्रम करने वाले लोग हैं, समाज की सेवा के लिए दिन-रात एक करने वाले लोग हैं, विकास के लिए ईमानदारी से काम करने वाले लोग हैं। असम के लोग आज देख रहे हैं कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास हमारी नीति में भी है और नीयत में भी है।

– गरीबों को पक्का घर मिल रहा है, तो हर वर्ग, हर जनजाति के गरीबों को मिल रहा है। शौचालय मिला, तो भी बिना भेदभाव के सभी को मिला। गैस कनेक्शन मिला, तो बिना भेदभाव के सभी को मिला।

– एनडीए सरकार मानती है कि किसी भी क्षेत्र के लोगों का विकास भेदभाव से नहीं, सद्भाव से होता है। इसी सद्भावना का परिणाम है कि लंबे इंतजार के बाद ऐतिहासिक बोडो अकॉर्ड तक हम पहुंच पाए। अनेक माताओं के आंसू पोछने, अनेक बहनों की पीड़ा को दूर करने के लिए हम सभी ने मिलकर प्रयास किया।

– मैं यहां की माताओं- बहनों को विश्वास दिलाता हूं कि आपके बेटे के सपने पूरे करने के लिए हम लगे रहेंगे। आपके बच्चों को बंदूक न उठानी पड़े, उन्हें जंगलों में जिंदगी न गुजारनी पड़े, उन्हें किसी की गोली का शिकार न होना पड़े, इसके लिए एनडीए सरकार प्रतिबद्ध है।

 

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