नई दिल्‍ली, एजेंसियां। भारतीय सेना को लाइट कंम्‍बैट हेलिकॉप्‍टर रुद्र के रूप में एक ताकतवर हथियार मिला है। सेना इसकी सामरिक ताकत को बार बार परखती रही है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने इसी मकसद के तहत सैन्‍य अभ्‍यास ‘रुद्र कवच’ को अंजाम दिया है। भारतीय सेना की पश्चिमी कमान ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि यह अभ्‍यास लाइट अटैक हेलिकॉप्‍टर रुद्र स्क्‍वाड्रन के साथ किया गया। सेना ने बताया है कि इसने एकबार फि‍र सभी मानदंडों को पूरा किया है।

उल्‍लेखनीय है कि भारतीय सेना के पास अपाचे के बाद रुद्र एक ऐसा घातक अटैक हेलिकॉप्टर है जो अधिक ऊंचाई के क्षेत्र में भी दुश्मनों पर काल बनकर टूट सकता है। पिछले साल लद्दाख दौरे पर पहुंचे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के सामने इस अटैक हेलिकॉप्टर ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था। इस सैन्‍य अभ्‍यास में रुद्र ने अपाचे का साथ मिलकर डमी दुश्मनों के कई ठिकानों को जमींदोज कर दिया था। स्‍वदेशी लाइट कंम्‍बैट हेलिकॉप्‍टर रुद्र ध्रुव ट्रांसपोर्ट हेलिकॉप्टर का उन्नत संस्करण है। इसे हिंदुस्तान एयरोनाटिकल्स लिमिटेड ने बनाया है।

भारतीय सेना मौजूदा वक्‍त में 50 से ज्‍यादा रुद्र लाइट कम्‍बैट हेलिकॉप्टरों का संचालन कर रही है। रुद्र हेलिकॉप्टर की और खेप निर्माणाधीन है जिसके जल्द ही सेना में शामिल होने की संभावना है। रुद्र वह हल्‍का लड़ाकू हेलिकाप्‍टर है जो लद्दाख जैसे ऊंचे इलाकों में भी उड़ान भरने और हमला करने में सक्षम है। इसकी तैनाती लद्दाख में भी हो चुकी है। रुद्र दुश्मन पर गोलियां बरसाने के अलावा एंटी टैंक मिसाइलें भी दाग सकता है। इस फाइटर हेलिकॉप्‍टर में एयर टू एयर मिसाइल भी तैनात किए जाने की योजना है।

हाल ही में स्वदेशी टैंक रोधी मिसाइलों- हेलिना और ध्रुवास्त्र का सफल परीक्षण किया गया था। इन मिसाइलों को क्रमश: सेना और वायुसेना में शामिल किया जाना है। रक्षा मंत्रालय ने इन मिसाइलों को दुनिया की सबसे आधुनिक टैंक रोधी हथियारों में एक बताया है। यह मिसाइल प्रणाली में सभी मौसम में दिन और रात के समय काम करने की क्षमता है। यह परंपरागत बख्तरबंद के साथ विस्फोटक लक्ष्यों को भी नष्ट कर सकती है। हेलिना मिसाइल की एएलएच रुद्र और लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टरों पर तैनाती की जाएगी।

 

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