BUDAUN SHIKHAR
कानपुर (उत्तर प्रदेश)
रिपोर्ट-आर के आजाद
पीयर्स इंडिया कारपोरेशन, पीयर्स क्रेडिट सोसाइटी और पीयर्स एलाइड कारपोरेशन लिमिटेड नाम से कंपनियां बनाकर देशभर के पांच हजार लोगों से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा ठगने वाला आलोक त्रिपाठी मंगलवार रात को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। हरबंश मोहाल पुलिस ने आलोक को खलासी लाइन ग्वालटोली स्थित उसके घर से ही धर दबोचा। पुलिस ने उसके पास से मिली वैगनआर कार और तमाम दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
आलोक कंपनियों को बंद करके 2016 से फरार चल रहा था। मूलरूप से भगवंतपुर चौबेपुर निवासी आलोक त्रिपाठी ने भाई आशीष, चाचा विष्णुकांत, अधिवक्ता सोमनाथ गुप्ता, शशिन श्रीवास्तव, रामशंकर, महेश चंद्र, रामचंद्र कुशवाहा समेत 12 लोगों के साथ मिलकर 2009 में तीन कंपनियां खोली थीं। इनके ऑफिस माल रोड स्थित सिटी सेंटर और ग्लोबस मार्केट में खोले थे।
पीयर्स इंडिया कारपोरेशन में रीयल इस्टेट के नाम पर लोगों से निवेश कराया। बाकी दोनों कंपनियों में कम समय में रकम दोगुनी करने और शेयर मार्केट में पैसा लगाकर मोटा ब्याज देने का झांसा देकर लोगों से रुपया जमा कराया। पुलिस के मुताबिक हरबंश मोहाल, घाटमपुर, लखनऊ, वाराणसी, चंदौली, मुरादाबाद, फतेहपुर, बदायूं, गुजरात, दिल्ली, चित्तौड़गढ़, उदयपुर समेत कई जगहों पर ऑफिस खोलकर (राजस्थान), दिल्ली समेत कई जगह पर अपनी कंपनियों के ऑफिस खोलकर करीब 5000 निवेशकों से 100 करोड़ रुपये से अधिक जमा कराए।
अकेले कानपुर जिले के एक हजार से अधिक निवेशकों ने 50 से 60 करोड़ रुपये जमा किए। जब भुगतान का समय आया तो आलोक और उसके साथी एक-एक करके कंपनियों के ऑफिस बंद करने लगे। 2016 में तीनों कंपनियां पूरी तरह से बंद करके सभी फरार हो गए थे। सीओ कलक्टरगंज श्वेता यादव ने बुधवार को मीडिया को बताया कि अजीमुल्लानगर निवासी महेंद्र गौड़, फतेहपुर निवासी राजेश कुमार, विष्णुपुरी नवाबगंज निवासी एजेंट कुसुम देवी ने हरबंश मोहाल थाने में 10 अक्तूबर 2017 को आलोक समेत सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
तब से पुलिस आलोक त्रिपाठी की तलाश में थी। मंगलवार को सूचना मिलने पर हरबंशमोहाल थाना प्रभारी राजेश पाठक ने टीम के साथ जाकर उसे घर से दबोच लिया। आलोक पर हरबंश मोहाल के अलावा घाटमपुर थाने में भी रिपोर्ट दर्ज है। राजस्थान में भी तीन मामले दर्ज हैं। अन्य जगह दर्ज मामलों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। आरोपी को दोपहर बाद कोर्ट में पेश करने के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया