नई दिल्ली, एजेंसी। कृषि सुधार कानून को लेकर संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ। कृषि कानूनों और किसानों द्वारा जारी विरोध प्रदर्शनों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में कहा कि संसद के अंदर और बाहर किसानों से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार है, मगर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई कई बार स्थगित हुई। विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट भी किया। राज्यसभा की कार्यवाही बुधवार सुबह 9 बजे तक स्थगित हुई।
तोमर ने कहा कि किसान संगठनों की जिद के कारण बात नहीं बन पा रही है। सरकार ने किसान संगठनों की कई मांगे मान ली हैं और आगे भी चर्चा को तैयार है। राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि किसानों के विरोध पर चर्चा आज नहीं कल होगी। मैं आज से चर्चा शुरू करना चाहता था, लेकिन मुझे बताया गया कि चर्चा सबसे पहले लोकसभा में शुरू होती है।
संसद के पहले कार्य दिवस पर विपक्ष ने किसानों के मामले को लेकर एकजुटता दिखाई। दोनों सदनों में कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस के सहारे तत्काल चर्चा की मांग की। मगर सदन के अंदर इसे खारिज कर दिया गया। लोकसभा की कार्यवाही शाम चार बजे शुरू होते ही कांग्रेस के साथ तृणमूल, वामदल, द्रमुक, शिवसेना, एनसीपी, सपा आदि दलों के सांसद वेल में जाकर कृषिष कानूनों को काला कानून बताते हुए उन्हें निरस्त करने की मांग करने लगे। हंगामे के साथ उन्होंने नारेबाजी भी शुरू कर दी।
लोकसभा की कार्यवाही दुबारा शुरू हुई तो विपक्ष का हंगामा और नारेबाजी फिर शुरू हो गई। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने तत्काल बहस कराने पर जोर देते हुए कहा कि कृषि कानूनों को रद कराने की मांग कर रहे किसानों की बात सरकार नहीं सुन रही है। कड़ाके की ठंड में अब तक 170 आंदोलनकारी किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। अधीर ने कहा कि किसानों पर कुछ ऐसा अत्याचार किया जा रहा जैसा ब्रिटिश शासन में होता था। स्पीकर ने इसके बाद अधीर समेत विपक्षी सदस्यों के कार्यस्थगन नोटिस को खारिज करने की घोषणा की।
हंगामे -नारेबाजी के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। विपक्ष ने प्रश्नकाल चलने दिया होता तो किसानों से जु़ड़े कई सवालों का जवाब मिल गया होता।
कोरोना काल में सत्र बुलाने की चुनौतियों का हवाला देते हुए तोमर ने कहा कि इस अवसर का उपयोग किया जाना चाहिए न कि सदन में बाधा डालनी चाहिए। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों से बात करती रही है। आगे भी चर्चा जारी रहेगी। सदन के बाहर और भीतर किसानों के मसले पर चर्चा में सरकार को कोई दिक्कत नहीं है। तोमर के आश्वासन के बावजूद हंगामा नहीं थमा तो सदन दो घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।
तीसरी बार बैठक शुरू हुई तो हंगामे के बीच स्पीकर ने भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने की इजाजत दे दी। मगर वेल में जुटा विपक्ष आंदोलनकारी किसानों के मुद्दे पर बहस को लेकर अ़़ड़ा रहा। संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी के धन्यवाद प्रस्ताव की बहस में हंगामा नहीं करने की परंपरा के अनुरोध को अनसुना कर दिया गया। तब स्पीकर ने सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
राज्यसभा में कमोबेश यही स्थिति दोहराई गई। तीन बार कार्यवाही बाधित होने के बाद सदन की बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के कार्यस्थगन प्रस्तावों को सभापति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया तो कांग्रेस, द्रमुक, राजद, टीएमसी, वामदल आदि ने सदन से वाकआउट किया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, टीमएसी के सुखेंदु शेखर राय, राजद के मनोज झा, द्रमुक के त्रिची शिवा आदि ने कृषि कानूनों पर किसानों के आंदोलन के तत्काल हल की जरूरत बताई। विपक्ष के वाकआउट से वापस लौट वेल में हंगामा और नारेबाजी जारी रखने पर सदन दो बार स्थगित हुआ। विपक्षी दलों का हंगामा तीसरी बार भी नहीं थमा तो उपसभापति ने सदन को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
हरियाणा सरकार ने कई जिलों में बंद किया इंटरनेट
कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब- हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों का मंगलवार को भी प्रदर्शन जारी है। हरियाणा सरकार ने कई जिलों में इंटरनेट बंद रखने के फैसले को और आगे बढ़ा दिया है। अब मोबाइल इंटरनेट को बंद रखा जाएगा। इंटरनेट बंद रखने का प्रभाव कैथल, पानीपत, जींद, रोहतक, चरखी दादरी, सोनीपत और झज्जर इलाकों में रहेगा।
– टिकैत से मिले राउत: मंगलवार को शिवसेना के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने यूपी गेट पहुंचकर किसान नेता राकेश टिकैत से मुलाकात की। वह भीड़ ज्यादा होने के चलते मंच पर नहीं जा सके। इससे पहले पहुंचे कई नेताओं ने मंच साझा किया है और अपनी बात रखी है। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि अगर विपक्ष हमारा समर्थन करने के लिए आ रहा है तो कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।
– सीमेंट के बैरिकेड बनाए: पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी है। यहां पर सीमेंट के बैरिकेड बनाए गए हैं। स़़डकों पर कीलें लगाई गई हैं। जिससे अगर कोई किसान ट्रैक्टर के जरिये आगे बढें तो उसके टायर फट जाएं या फिर पंचर हो जाएं। सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के चलते दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में मंगलवार को भी रूट डायवर्जन किया गया है।