नयी दिल्ली, एजेंसी।  कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार जिला एवं अधीनस्थ अदालतों में बुनियादी ढांचा के विकास के लिए निधि साझा पैटर्न के तहत राज्यों को वित्तीय सहायता दे कर केंद्रीय प्रायोजित स्कीम का कार्यान्वयन कर रही है और इस योजना में केंद्र ने 8709.77 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं जिसमें से 5265 करोड़ रुपये 2014-15 से जारी किए गए हैं।

रिजीजू ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह स्कीम 1993-94 से कार्यान्वित की जा रही है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बजट अनुमानित स्तर पर इस स्कीम के लिए 776 करोड़ रुपये आबंटित किए गए थे जिसमें आज तक 384.50 करोड़ रुपये (लगभग 50 प्रतिशत) जारी किए जा चुके हैं।

उन्होंने कहा कि यह स्कीम समय-समय पर बढ़ाई गई है और इसके तहत जिला और अधीनस्थ अदालतों के न्यायिक अधिकारियों के लिए आवासीय इकाइयों और अदालत भवनों के निर्माण के वास्ते केंद्र सरकार द्वारा निधियां जारी की जाती हैं।

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों से मिली जानकारी के अनुसार, जिला और अधीनस्थ अदालतों में मौजूदा न्यायाधीशों के 24,485 स्वीकृत पदों के खिलाफ कार्यरत पदों की संख्या 19,292 है।

रिजीजू ने कहा कि न्यायालयों के लिए पर्याप्त अवसरंचना की व्यवस्था हेतु राष्ट्रीय न्याय अवसंरचना प्राधिकरण की स्थापना की खातिर प्रधान न्यायाधीश की ओर से एक प्रस्ताव प्राप्त हुआ है।

 

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