नयी दिल्ली, एजेंसी :   दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह व्हाट्सऐप की नई निजता नीति की जांच के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश को रद्द करने संबंधी याचिकाएं खारिज करने के उसकी एकल पीठ के फैसले के खिलाफ दायर व्हाट्सऐप और फेसबुक की अपीलों पर अक्टूबर में सुनवाई करेगा।

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने मामले को 11 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया और व्हाट्सऐप और फेसबुक को सीसीआई द्वारा जारी चार और आठ जून के नोटिस का जवाब देने के लिए तब तक का समय दिया।

सीसीआई की पैरवी अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी और व्हाट्सऐप एवं फेसबुक की पैरवी वरिष्ठ वकीलों क्रमश: हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी ने की।

फेसबुक और व्हाट्सऐप ने सीसीआई के उस नोटिस को भी चुनौती दी है, जिसमें उनसे ऐप की नई निजता नीति की जांच के सिलसिले में कुछ सूचनाएं देने के लिए कहा गया है।

यह मामला एकल पीठ के आदेश के खिलाफ फेसबुक और व्हाट्सऐप की अपीलों से संबंधित है। एकल पीठ ने सीसीआई द्वारा व्हाट्सऐप की नई निजता नीति की जांच का आदेश दिए जाने के खिलाफ फेसबुक और व्हाट्सऐप की याचिकाओं को खारिज कर दिया था। खंड पीठ ने छह मई को अपीलों पर नोटिस जारी किया था और केंद्र से जवाब मांगाथा।

एकल पीठ ने 22 अप्रैल को कहा था कि सीसीआई के लिए व्हाट्सऐप की नई निजता नीति के खिलाफ उच्चतम न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिकाओं के परिणाम की प्रतीक्षा करना “विवेकपूर्ण” होगा, लेकिन ऐसा नहीं करने से नियामक का आदेश “त्रृटिपूर्ण” या “अधिकार क्षेत्र को कम करने वाला” नहीं होगा। उसने कहा था कि उसे फेसबुक और व्हाट्सऐप की उन याचिकाओं में सुनवाई लायक कुछ नहीं दिखा है जिनमें आयोग द्वारा जांच के आदेश में हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है।

सीसीआई ने दलील दी थी कि वह व्यक्तिगत निजता के कथित उल्लंघन की जांच नहीं कर रहा, जिसे उच्चतम न्यायालय देख रहा है। उसने अदालत में कहा था कि व्हाट्सऐप की नई निजता नीति लक्षित विज्ञापनों के लिए उपयोगकर्ताओं के डेटा के अत्यधिक संकलन और उनका पीछा किए जाने को बढ़ावा देगी और इसलिए यह प्रभावशाली स्थिति का कथित दुरुपयोग है।

व्हाट्सऐप और फेसबुक ने नई निजता नीति में जांच का निर्देश देने वाले सीसीआई के 24 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी। सीसीआई ने व्हाट्सऐप की नई निजता नीति पर आई कुछ खबरों के बाद जनवरी में इस मामले में स्वत: संज्ञान लेने का फैसला किया था।

 

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