नई दिल्ली : कांग्रेस शासित तीनों राज्यों में अंदरूनी कलह से परेशान पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कार्यसमिती के बैठक के बाद एक बार फिर से पदाधिकारियों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा है कि उन्हें निजी महत्वकांक्षाओं से ऊपर उठते हुए पार्टी को मजबूत करने पर काम करना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी पदाधिकारियों की बैठक में चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि देश के जुड़े अहम मुद्दों पर कांग्रेस रोज बयान जारी करती है लेकिन वह जमीनी कार्यकर्ताओं तक नहीं पहुंचता है। सोनिया ने यह भी कहा कि नीतिगत मुद्दों पर राज्य स्तर के नेताओं में वैचारिक स्पष्टता और एकजुटता की कमी दिखती है। बता दें कि इससे पहले बीते हफ्ते हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान भी सोनिया गांधी ने कड़ा रुख अपनाते हुए पार्टी नेताओं को नसीहत दी थी कि वे मीडिया की बजाय सीधे उनसे बात करें।
‘जनता के सामने RSS-BJP का झूठ बेनकाब करना होगा’
पार्टी महासचिवों, प्रदेश प्रभारियों और प्रदेश अध्यक्षों की बैठक में सोनिया गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा और पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि अगर लड़ाई जीतनी है तो जनता के समक्ष भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘दुष्प्रचार’ एवं ‘झूठ’ को बेनकाब करना होगा। उन्होंने कहा, ”हमें भाजपा / आरएसएस के द्वेषपूर्ण दुष्प्रचार के खिलाफ लड़ना है। अगर यह लड़ाई जीतनी है तो हमें पूरे संकल्प के साथ यह करना होगा और जनता के समक्ष उनके झूठ को बेनकाब करना होगा।”
‘नीतिगत मुद्दों पर नेताओं में स्पष्टता का अभाव’
सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा, ”अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी रोजाना विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण और विस्तृत बयान जारी करती है। परंतु यह अनुभव किया गया है कि ब्लॉक और जिला स्तर के हमारे कार्यकर्ताओं तक यह नहीं पहुंचता। नीतिगत मुद्दे हैं जिन पर पर मुझे स्पष्टता एवं समन्वय के अभाव का पता चलता है तथा यह हमारे राज्य स्तर के नेताओं के बीच भी है।” उन्होंने पार्टी नेताओं से कहा, ”आपको हमारे कार्यकर्ताओं को इस तरह प्रशिक्षित करना होगा कि वह भाजपा/आरएसएस की ओर से चलाए जा रहे दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार का मुकाबला कर सकें।
पांच राज्यों में आगामी चुनाव को लेकर सोनिया ने दी नसीहत
सोनिया ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए कहा, ”आने वाले महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन राज्यों में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और नेता कमर कस रहे हैं। हमारा चुनाव अभियान समाज के सभी तबकों के साथ चर्चा के बाद सामने आई ठोस नीतियों एवं कार्यक्रमों के आधार पर होना चाहिए।” उन्होंने कहा, ”मैं फिर इस बात पर जोर देना चाहूंगी कि अनुशासन और एकजुटता की जरूरत है। आप और हम सबके लिए यह मायने रखता है कि संगठन मजबूत हो। यह व्यक्तिगत आकांक्षाओं से ऊपर होना चाहिए। इसी में सामूहिक और व्यक्तिगत दोनों सफलताएं निहित हैं।”
पार्टी मुख्यालय में हुई इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल तथा अन्य महासचिव, प्रभारी एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्ष शामिल हुए। यह बैठक कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में सदस्यता अभियान, महंगाई के मुद्दे पर जन-जागरण अभियान तथा संगठनात्मक चुनाव के तय किए गए कार्यक्रमों की पृष्ठभूमि में हुई है। गत 16 अक्टूबर को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में संगठनात्मक चुनाव का कार्यक्रम तय करने के साथ ही यह निर्णय लिया गया था कि आगामी एक नवंबर से कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाएगी, जो अगले साल 31 मार्च तक चलेगा। इसके साथ ही फैसला हुआ था कि 14 से 29 नवंबर के बीच महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा।