नई दिल्ली, एजेंसी : सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस यूयू ललित ने कहा है कि समाज के कमजोर व वंचित तबकों को कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करना जरूरी है। जस्टिस ललित राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के चेयरमैन भी हैं। सोमवार को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि नालसा महिलाओं व बच्चों समेत समाज के कमजोर वर्ग को कानूनी सहायता उपलब्ध कराने के प्रति वचनबद्ध है।

जस्टिस ललित ने समाज के गरीब तबकों में कानूनी सहायता के प्रति जागरूकता लाने के लिए केरल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आयोजित शिविर व एक्सपो को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यक्रम तिरुवनंतपुरम के वेल्लार क्राफ्ट विलेज में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत रखा गया था।

जस्टिस ललित ने कहा कि भले ही केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा समाज के वंचित वर्गों को कानूनी सहायता देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन परिणाम लाभार्थियों तक नहीं पहुंचते हैं क्योंकि उन्हें मुफ्त कानूनी सहायता की योजनाओं की जानकारी ही नहीं है। विधिक सेवा प्राधिकरण यह सुनिश्चित करने के लिए बाध्य है कि ये सुविधाएं लोगों तक पहुंचे।

संविधान में है पात्र लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता का प्रावधान

उन्होंने कहा कि विधिक सेवा संस्थाओं की सेवा राज्य के कोने-कोने तक पहुंचेगी। संविधान प्रत्येक पात्र नागरिक को मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करता है। इसलिए लाभार्थियों को जागरूक करते हुए उन्हें इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाने के प्रयास होना चाहिए।

तमिलनाडु में मेगा शिविर, पांच मोबाइल वैन की शुरुआत

रविवार को जस्टिस ललित ने तमिलनाडु के कन्याकुमारी में एक मेगा कानूनी सेवा शिविर का उद्घाटन किया और पांच मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वैन नागरिकों को उपलब्ध कानूनी सेवाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरेंगी।

इससे पहले शनिवार को जस्टिस ललित ने यूपी के वाराणसी में राष्ट्रव्यापी कानूनी जागरूकता कार्यक्रम, ‘कानूनी जागरूकता के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण’ का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय महिला आयोग और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उद्घाटन सत्र के दौरान सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। वाराणसी में आयोजित कार्यक्रम में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल भी उपस्थित थे।

 

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