चंडीगढ़, एजेंसी : पंजाब कांग्रेस के घमासान के बीच पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा। रावत ने कहा कि हाल ही के कैप्टन के बयान ऐसे हैं जैसे वे किसी दबाव में हैं। रावत ने कहा कि कैप्टन किसान विरोधी भाजपा के मददगार न बनें। ये समय सोनिया गांधी के साथ खड़े होने का है। रावत ने कहा कि इन रिपोर्टों में कोई सच्चाई नहीं है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह का पंजाब कांग्रेस द्वारा अपमान किया गया था। रावत ने कहा कि सहयोगियों और पार्टी नेतृत्व के लगातार याद दिलाने के बावजूद कैप्टन अमरिंदर बरगाड़ी, ड्रग्स और बिजली जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने वादों को निभाने में विफल रहे। कम से कम पांच बार मैंने कैप्टन साहब के साथ इन मुद्दों पर चर्चा की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

कांग्रेस ने जो किया, कैप्टन के लिए किया

रावत ने कहा कि विधायक दल की बैठक सोच समझ कर बुलाई गई थी। कैप्टन ने कहा कि वे बैठक में नहीं आएंगे। कांग्रेस पार्टी ने अब तक जो कुछ किया है वह कैप्टन अमरिंदर सिंह के सम्मान के लिए और 2022 विधानसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए किया है। रावत ने कहा कि ये आम धारणा थी कि कैप्टन और बादल एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं और उनके बीच एक गुप्त समझौता है। कई मंत्री इस शिकायत के साथ दिल्ली आए कि कैप्टन के नेतृत्व में कांग्रेस जीत नहीं सकती है।

सिद्धू के खिलाफ काफी आक्रामक रवैया अपनाए हैं कैप्टन

गृह मंत्री अमित शाह के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से कैप्टन अमरिंदर सिंह की मुलाकात नए समीकरण पैदा कर रही है। साफ है कि कैप्टन अब नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं। वहीं सिद्धू बैकफुट पर नजर आ रहे हैं। कैप्टन और उनके साथी मनीष तिवारी व कपिल सिब्बल पंजाब को सरहदी सूबा बताकर आतंकवाद के खतरे की बात कर रहे हैं। कैप्टन पहले कह चुके हैं कि सरहदी सूबे के लिए सिद्धू फिट नहीं हैं। डोभाल-कैप्टन की मुलाकात इसलिए भी अहम है, क्योंकि अमरिंदर कह चुके हैं कि नए सीएम चरणजीत चन्नी का बतौर मंत्री काम अच्छा रहा लेकिन उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा का अनुभव नहीं है। पंजाब के लिहाज से राष्ट्रीय सुरक्षा अहम है। पंजाब पाकिस्तान की सीमा से सटा राज्य है।

 

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