चंडीगढ़, एजेंसी : नशा तस्करी मामले में फंसे अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की जमानत याचिका पर मंगलवार को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान हाईकोर्ट ने मजीठिया की अंतरिम जमानत 24 जनवरी तक बढ़ा दी है। कोर्ट के आदेश अनुसार वह पंजाब पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के सामने पेश हो चुके हैं।

सोमवार को भी वे स्टेट क्राइम ब्रांच में मामले की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) के सामने पेश हुए। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी के आधार और पैन कार्ड की कॉपी एसआईटी के पास जमा करवाई। इसके साथ ही विदेश जाने संबंधी रिकॉर्ड भी एसआईटी को सौंपा।

करीब एक घंटे उनसे पूछताछ की गई। इसके बाद वह वहां से निकल गए। इस दौरान उनके वकील क्राइम ब्रांच सेल के बाहर ही रहे। सोमवार को एसआईटी के सामने पेश होने के लिए बिक्रम सिंह मजीठिया नेता वाले लुक में नहीं थे। वह जींस पैंट, जैकेट और चेहरे पर मास्क लगाकर सीधे फेज-4 स्टेट क्राइम ब्रांच में करीब पौने 12 बजे पहुंचे। इसके बाद उनसे करीब एक घंटे तक पूछताछ हुई। इस दौरान उनसे दस सवाल पूछे गए।

सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने बिक्रम सिंह मजीठिया से सवाल किया कि साल 2004 के बाद उनके परिवार ने कितनी संपत्ति बेची है। उनका पुराना पासपोर्ट मांगा गया और उनकी शादी के समय हुए अलग-अलग कार्यक्रमों की जगह, विवाह की फोटो वाली एलबम और वीडियो मांगा गया। एसआईटी ने मजीठिया से टैक्स की जानकारी भी मांगी है। वहीं मजीठिया ने पिछली पेशी के दौरान मांगे गए दस्तावेज भी पेश किए। इसके अलावा उक्त सवालों संबंधी अन्य जानकारी को मिलाकर कुल दस सवाल पूछे गए।

क्राइम बांच से से बाहर आते हुए बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि वह जांच टीम को पूरा सहयोग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि शनिवार सवा 5 बजे उन्हें एसआईटी का नोटिस मिला था। इसके बाद वह रविवार को एसआईटी के सामने पेश हुए थे। सोमवार को वह तीसरी बार एसआईटी के सामने पेश हुए हैं। उन्होंने जांच टीम से विनती की थी कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाए। उन्होंने कहा कि जांच टीम अगर उन्हें जल्दी फ्री करती है तो वह अपने हलके में जाकर प्रचार कर सकते हैं।

 

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