नयी दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की 108 नगरपालिकाओं में चुनाव के लिए अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई की, जिसमें पश्चिम बंगाल के भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने अर्धसैनिक बलों की तैनाती के निर्देश की मांग की थी। इन नगरपालिकाओं के लिए 27 फरवरी को चुनाव होना है। जस्टिस वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने भाजपा नेताओं मौसमी रॉय और प्रताप बनर्जी की ओर से पेश किए गए वरिष्ठ वकील पी एस पटवालिया से कहा कि सॉरी इस याचिका पर विचार करने के लिए हम इच्छुक नहीं हैं।

पटवालिया ने कहा कि नगरपालिका चुनावों के पिछले चरण में व्यापत स्तर पर हिंसा की सूचना मिली थी। ऐसे में केंद्रीय बलों की तैनाती से ऐसी घटनाओं से निजात मिलेगी और स्वतंत्र व निष्पक्ष कराने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग को जमीनी स्थिति जांच करने और केंद्रीय बलों की तैनाती पर निर्णय करने की बात कह कर गलती की है।

गहमागहमी भरा रहा माहौल

नगरपालिका चुनाव को लेकर गहमागहमी भरा लमाहौल बना हुआ है। गुरुवार को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं को आत्मरक्षा करने के लिए बांस का उपयोग करने की सलाह दी थी। उनकी इस टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया था। घोष ने पश्चिम मिदनापुर में हुए एक प्रचार अभियान के दौरान दावा किया था कि टीएमसी पार्टी के पोस्टर और बैनर फाड़कर भाजपा को डराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले पार्टी कार्यकर्ताओं पर बम से हमला करने का आरोप लगाया था।

बता दें कि पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग 108 नगर पालिकाओं में 27 फरवरी को चुनाव कराने की घोषणा कर चुका है। 8 मार्च तक चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

 

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