कोच्चि, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को केरल के कोच्चि में सार्वजनिक क्षेत्र की कई परियोजनाओं की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने इस क्रम में बीपीसीएल की 6,000 करोड़ रुपये की प्रोपलीन डेरिवेटिव्स पेट्रोकेमिकल्स परियोजना को भी राष्ट्र को समर्पित किया। यही नहीं पीएम मोदी ने कोचीन पोर्ट पर 25 करोड़ रुपये की लागत वाले अंतरराष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल सागरिका और कोचीन पोर्ट के पुनर्निर्माण परियजोजनाओं की आधारशिला भी रखी।

भारत के विकास को मिलेगी ऊर्जा 

कोच्चि में विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि हम यहां केरल और भारत के विकास का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज कई क्षेत्रों में विकास कार्यों का उद्घाटन किया जा रहा है। इससे भारत के विकास को ऊर्जा मिलेगी।

पाइपलाइन इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर 110 लाख करोड़ का निवेश

पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय पाइपलाइन के इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर 110 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। इसमें तटीय भागों, उत्तर पूर्व और पर्वतीय क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मौजूदा वक्‍त में भारत हर गांव में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को शुरू कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि खाड़ी में काम करने वाले भारतीयों को पता होना चाहिए कि सरकार का पूरा समर्थन उनके लिए है।

चेन्नई मेट्रो रेल के पहले चरण का उद्घाटन

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने तमिलनाडु में चेन्नई मेट्रो रेल के पहले चरण के चरण के विस्तार का उद्घाटन किया। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक नेहरू इंडोर स्टेडियम में हुए भव्य समारोह में मोदी ने उत्तरी चेन्नई में वाशरमैनपेट को विमको नगर से जोड़ने वाले मेट्रो के 9.01 किलोमीर लंबे भाग का उद्घाटन किया। इस परियोजना में 3,770 करोड़ रुपये का खर्च आया है। यही नहीं पीएम ने चेन्नई बीच अट्टीपट्टू की चौथी लाइन और विल्लुपुर की मयलादुथुरई तंजावुर/मयलादुथुरई तिरुवुर एकल रेल लाइन के विद्युतीकरण का श्रीगणेश किया। 

आईआईटी मद्रास में रखी डिस्कवरी कैंपस की आधारशिला

प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को आईआईटी मद्रास में एक डिस्कवरी कैंपस की आधारशिला भी रखी। कैंपस का निर्माण दो लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में होगा। इसके निर्माण पहले चरण में 1,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस साल का बजट सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आज दुनिया बड़ी यकीन और उत्‍साह के साथ भारत की ओर देख रही है। 130 करोड़ देशवासियों की कठिन परिश्रम की बदौलत यह दशक भारत का होने वाला है।

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