नयी दिल्ली, एजेंसी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के शिविर पर 29 जनवरी को हुए कथित हमले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से स्वतंत्र जांच कराने का अनुरोध करने वाली याचिका पर केन्द्र और दिल्ली सरकार को बृहस्पतिवार को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय, दिल्ली सरकार के गृह विभाग और अलीपुर पुलिस थाने (जिसके अधिकार क्षेत्र में घटनास्थल आता है) को नोटिस जारी किया और उनसे याचिका पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।

याचिका में दावा किया गया है कि दिल्ली और हरियाण के बीच सिंघू बॉर्डर पर किसानों के शिविर पर 29 जनवरी को कुछ असामाजिक तत्वों ने वहां तैनात ‘‘ पुलिस कर्मियों की मदद से और उनके मार्गदर्शन पर’’ हमला किया था।

याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि अलीपुर पुलिस थाने में असामाजिक तत्वों और मामले में कथित तौर पर संलिप्त दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की गई, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई।

याचिका में यह भी कहा गया कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), भारत के मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से भी मामले की उचित जांच के लिए अनुरोध किया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

याचिका में एसआईटी द्वारा मामले की स्वतंत्र जांच के अलावा, घटनास्थल पर लगे पुलिस कैमरों में कैद घटना की वीडियो फुटेज को संरक्षित रखने का अनुरोध भी किया गया है।

 

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