नयी दिल्ली, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ हाथ धोने को लेकर जागरूकता अभियान में देश के बच्चों के योगदान की सराहना की और कहा कि कोई कार्यक्रम तभी सफल होता है जब बच्चे उसका हिस्सा बन जाते हैं।

‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ विजेताओं से सोमवार को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद करते हुए उन्होंने पुरस्कार जीतने वाले बच्चों की तारीफ की और कहा कि उन्हें मेहनत जारी रखनी है और हमेशा विनम्र बने रहना है। उन्होंने बच्चों से देश के लिए काम करने को कहा और उनसे आग्रह किया कि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर वे क्या कर सकते हैं, इस बारे में सोचें।

उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना ने निश्चित तौर पर सभी को प्रभावित किया है। लेकिन एक बात मैंने नोट की है कि देश के बच्चे, देश की भावी पीढ़ी ने इस महामारी से मुकाबला करने में बहुत भूमिका निभाई है। साबुन से 20 सेकेंड हाथ धोना हो, ये बात बच्चों ने सबसे पहले पकड़ी।’’ प्रधानमंत्री ने बच्चों को जीवनी पढ़ने की सलाह दी और कहा कि इससे उन्हें प्रेरणा मिलेगी। व्यवस्थित खेती के लिए एक बहुउद्देशीय बीज बुआई मशीन बनाने वाले एक बच्चे से बातचीत में मोदी ने कहा कि आधुनिक कृषि आज देश की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत साफ-सफाई को लेकर जागरूकता फैलाने में भी बच्चों ने बहुत योगदान दिया हैं भारत सरकार ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ के तहत ‘बाल शक्ति पुरस्कार’ पुरस्कार प्रदान करती है। नवाचार, शैक्षिक उपलब्धियों, खेल, कला और संस्कृति, सामाजिक सेवा और बहादुरी के क्षेत्र में असाधारण क्षमताओं और उत्कृष्ट उपलब्धि वाले बच्चों को बाल शक्ति पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। इस वर्ष, बाल शक्ति पुरस्कार की विभिन्न श्रेणियों के तहत देश भर के 32 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-पीएमआरबीपी -2021 प्रदान किया गया है।

बच्चों से सुने उनके किस्से

पीएम ने सबसे पहले मुंबई की काम्या से बात की। उन्हें पर्वतारोहण के क्षेत्र में यह पुरस्कार मिला है। उन्होंने काम्या से पूछा कि फिलहाल में किस नए पर्वत पर विजय प्राप्त की है? क्या नया किया? या कोरोना की वजह से क्या कठिनाई आई?

इस पर काम्या ने कहा कि कोरोना ने सभी को परेशान किया है, लेकिन हमें थमना नहीं है। मैंने जम्मू-कश्मीर में ट्रेनिंग की। जून में माउंट देनाली की चढ़ाई की तैयारी कर रही थी। इस पर मोदी ने कहा कि आप ट्रैकिंग करती हैं, पूरी दुनिया घूमती हैं, लेकिन कोरोना के कारण सब बंद हो गया तो फिर यह समय कैसे बिताया। काम्या ने कहा कि मैंने आपदा को अवसर में बदला। मैंने यह समझा कि दूसरों को पर्वतारोहण के बारे में बता रही हूं। अपने मिशन के बारे में भी बता रही हूं।

यूपी के 5 बच्चों का चयन हुआ

बाल पुरस्कार के लिए सबसे ज्यादा 5 बच्चे उत्तर प्रदेश से चयनित किए गए हैं। लखनऊ के 10 साल के व्योम आहूजा को कला एवं संस्कृति के लिए और बाराबंकी के 15 साल के कुंवर दिव्यांश सिंह को बहादुरी के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिलेगा।

गौतमबुद्धनगर के 16 साल के चिराग भंसाली को इनोवेशन के लिए व अलीगढ़ के 17 साल के मोहम्मद शादाब को शैक्षणिक क्षेत्र के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। वहीं, प्रयागराज के 17 साल मोहम्मद को खेल श्रेणी में पुरस्कार दिया जाएगा।

DM ऑफिस से हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग

PMO की ओर से जारी की गई सूचना के मुताबिक, सभी विजेता बच्चों को उनके जिले के DM ऑफिस से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कनेक्ट किया गया। इस दौरान बच्चों ने अपने काम की जानकारी भी प्रधानमंत्री के साथ शेयर की।

 

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