नई दिल्ली, एजेंसी : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने देश में वैक्सीन की किल्लत के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ‘जिम्मेदार कौन?’ नाम से कैंपेन चलाकर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने देश को वैक्सीन की कमी के दलदल में धकेल दिया है। सरकार की वैक्सीन नीति पूरी तरह से फेल हो गई है। उन्हें इन सब की जिम्मेदारी लेनी होगी।
वैक्सीन संकट से जुड़े प्रियंका गांधी के 3 सवाल
* PM मोदी के बयान के मुताबिक, उनकी सरकार पिछले साल ही वैक्सीनेशन के पूरे प्लान के साथ तैयार थी। तब जनवरी 2021 में सिर्फ एक करोड़ 60 लाख वैक्सीनों का आर्डर क्यों दिया गया?
* मोदी सरकार ने भारत के लोगों को कम वैक्सीन लगाकर, ज्यादा वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?
* दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक भारत आज दूसरे देशों से वैक्सीन मांगने की स्थिति में क्यों आ गया। सरकार इसे भी उपलब्धि की तरह पेश करने की कोशिश क्यों कर रही है?
सर्टिफिकेट पर फोटो मोदी की, लेकिन जिम्मेदारी राज्यों की
प्रियंका ने कहा कि मोदी सरकार की वैक्सीन नीति की दिशाहीनता के चलते आज देश की 130 करोड़ आबादी की मात्र 11% जनसंख्या को वैक्सीन की सिंगल डोज और 3% जनसंख्या को वैक्सीन की दोनों डोज लग पाई हैं। यही नहीं, प्रधानमंत्री मोदी की ओर से टीका उत्सव घोषित करने के बाद एक महीने में वैक्सीनेशन में 83% की गिरावट आई है। आज संकट के समय पर बस वैक्सीन सर्टिफिकेट पर PM की फोटो है, बाकी सारी जिम्मेदारी राज्यों पर डाल दी गई है।
केंद्र से पूछा- जिम्मेदार कौन?
उन्होंने कहा कि आज राज्यों के मुख्यमंत्री वैक्सीन की कमी की सूचना केंद्र सरकार को भेज रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार की फेल वैक्सीन नीति के चलते सब कुछ चौपट है। प्रियंका ने तथ्यों को रखते हुए केंद्र सरकार से सवाल दागे और पूछा कि इसका जिम्मेदार कौन है?
– दुनिया के बड़े-बड़े देश पिछले साल ही अपनी जनसंख्या से कई गुना वैक्सीन ऑर्डर कर चुके थे, लेकिन मोदी सरकार ने अपनी 130 करोड़ की आबादी के लिए सिर्फ एक करोड़ 60 लाख वैक्सीन का पहला ऑर्डर जनवरी 2021 में दिया।
– इस साल जनवरी-मार्च के बीच में मोदी सरकार ने 6.5 करोड़ वैक्सीन विदेश भेज दी। कई देशों को मुफ्त में भेंट भी की, जबकि इस दौरान भारत में मात्र 3.5 करोड़ लोगों को ही वैक्सीन लगी।
– सरकार ने 1 मई से 18-44 आयुवर्ग की लगभग 60 करोड़ जनसंख्या को वैक्सीन देने के दरवाजे खोले, लेकिन मात्र 28 करोड़ वैक्सीन के ऑर्डर दिए। जिससे केवल 14 करोड़ जनसंख्या को वैक्सीन लगाना संभव है।