कोलकाता, एजेंसी : कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को सागर द्वीप में गंगासागर मेले के दौरान कोविड प्रतिबंधों के पालन की निगरानी के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति से हटा दिया। हाईकोर्ट ने इसके साथ ही समिति का पुनर्गठन कर दिया है।

तृणमूल कांग्रेस नीत बंगाल सरकार ने विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को समिति में शामिल करने पर आपत्ति जताई थी। मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति केसोंग डोमा भूटिया की खंडपीठ ने दो सदस्यीय समिति में पुनर्गठित कर दिया है। इसमें पूर्व न्यायमूर्ति समस्ती चटर्जी और पश्चिम बंगाल कानूनी सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव को शामिल किया गया है।

इससे पहले 7 जनवरी को हाईकोर्ट ने 8 से 16 जनवरी तक गंगा सागर मेले की अनुमति देते हुए निर्देश दिया था कि पूरे सागर द्वीप को एक अधिसूचित क्षेत्र घोषित किया जाए। पीठ ने सोमवार को दोहराया कि यह 24 घंटे के भीतर किया जाए।

हाईकोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि मेले में आने वाले सभी लोगों का दोहरा टीकाकरण किया जाना चाहिए। मेला स्थल पर पहुंचने से 72 घंटे पहले किए गए आरटीपीसीआर परीक्षण की निगेटिव रिपोर्ट होना चाहिए। कोर्ट ने सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए भीड़ के सख्त नियमन के लिए भी कहा है। हाईकोर्ट ने कहा कि सागर द्वीप को एक अधिसूचित क्षेत्र घोषित करने से राज्य सरकार को तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य और कल्याण की सुरक्षा के उपाय करने का अधिकार मिलेगा।

मकर संक्रांति पर पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप पर वार्षिक गंगा सागर मेला लगता है। इसमें देशभर के लाखों लोग पहुंचकर गंगा व समुद्र के मिलन स्थल पर डूबकी लगाते हैं।

 

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