नई दिल्ली, एजेंसी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण पर जोर देते हुए युवा पीढ़ी के विकास को जरूरी बताया। उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए देश को आत्मविश्वासी युवकों की जरूरत है जो सीधे तौर पर शिक्षा, ज्ञान व कौशल से जुड़ा है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी आधार पर विकसित की गई है। ‘ उन्होंने कहा, ‘इस वर्ष के बजट में स्वास्थ्य के बाद जो दूसरा सबसे बड़ा फोकस है, वो एजुकेशन, स्किल, रिसर्च और इनोवेशन पर ही है और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए देश के युवाओं में आत्मविश्वास उतना ही जरूरी है। आत्मविश्वास तभी आता है, जब युवा को अपनी शिक्षा, अपनी ज्ञान पर पूरा विश्वास हो।’

विश्व वन्यजीव दिवस  का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने वन की सुरक्षा और जानवरों के सुरक्षित आवास पर जोर दिया औश्र वन्यजीव सुरक्षा के लिए काम करने वालों के प्रति आभार व्यक्त किया।

इसके अलावा प्रधानमंत्री ने किसानों के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा, ‘किसानों की आय बढ़ाने के लिए, उनका जीवन बेहतर बनाने के लिए बायोटेक्नोलॉजी से जुड़ी रिसर्च में जो साथी लगे हैं, देश को उनसे बहुत उम्मीदे हैं। मेरा इंडस्ट्री के तमाम साथियों से आग्रह है कि इसमें अपनी भागीदारी को बढ़ाए।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं के इस्तेमाल को प्रोत्साहित किया जाता रहा है। हर भाषा के विशेषज्ञ की यह जिम्मेदारी है कि दुनिया के बेहतरीन सामग्री को भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘फ्यूचर फ्यूल, ग्रीन एनर्जी, हमारी ऊर्जा में आत्मनिर्भरता के लिए बहुत जरूरी है। इसलिए बजट में घोषित हाइड्रोजन मिशन एक बहुत बड़ा संकल्प है। भारत ने हाइड्रोजन वाहन का टेस्ट कर लिया है। अब हाइड्रोजन को ट्रांसपोर्ट के फ्यूल के रूप में उपयोगिता और इसके लिए खुद को इंडस्ट्री रेडी बनाने के लिए अब हमें मिलकर आगे बढ़ना होगा।’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  बुधवार को देश को आत्मनिर्भर बनाने के क्रम में शिक्षा के महत्व, रिसर्च व कुशलता विकास को लेकर आयोजित सत्र को संबोधित कर रहे हैं।  केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इस सत्र के बारे में अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए जानकारी दी।  शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक आज शाम 3.35 बजे सत्र के समापन समारोह को संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, ‘पहली बार देश के स्कूलों में Atal Tinkering Labs से लेकर उच्च संस्थानों में Atal Incubation Centers तक पर फोकस किया जा रहा है। देश में स्टार्ट अप्स के लिए Hackathons की नई परंपरा देश में बन चुकी है, जो देश के युवाओं और इंडस्ट्री, दोनों के लिए बहुत बड़ी ताकत बन रही है।’ उन्होंने कहा, ‘बीते वर्षों में शिक्षा को रोजगार और Entrepreneurial Capabilities से जोड़ने का जो प्रयास किया गया है, ये बजट उनको और विस्तार देता है। इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज scientific publications के मामले में भारत शीष तीन देशों में आ चुका है।’

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *