लद्दाख, एजेंसी : भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवणे ने कहा कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हालात नियंत्रण में है। भारत और चीन के बीच सीमा पर घटनाएं तब तक होती रहेंगी जब तक दोनों देशों के बीच सीमा समझौता नहीं हो जाता। चीन के साथ पिछले एक साल से बातचीत चल रही है और बातचीत के जरिए ही दोनों देशों के बीच जारी विवाद को सुलझाया जा सकता है।
सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि फरवरी से जून के आखिरी तक पाक सेना द्वारा कोई संघर्ष विराम उल्लंघन नहीं किया गया था, लेकिन हाल में घुसपैठ की कोशिशें तेज हुई हैं। पिछले 10 दिनों में दो बार फिर से सीजफायर का उल्लंघन किया जा चुका है। फरवरी से पहले वाली स्थिति फिर से बनती दिख रही है। हालांकि, भारतीय सेना हर चुनौती को जवाब देने के लिए तैयार है।
अफगानिस्तान पर भारत की नजर
लद्दाख दौरे के दौरान सेना प्रमुख नरवणे ने कहा कि हम नियमित रूप से अफगानिस्तान की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। भारतीय सेना अफगानिस्तान पर तालिबानी हुकूमतों के बाद संभावित प्रभावों और नतीजों की निगरानी कर रही है। हालांकि, अभी इसपर कुछ भी बोलना जल्दीबाजी होगी। दरअसल, अफगानिस्तान में तालिबानी राज के बाद पाकिस्तान की मदद से तालिबान अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर उत्पात मचाने में लगा है।
खुफिया एजेंसियों को मिली रिपोर्ट्स के आधार पर बताया गया है कि तालिबान पाकिस्तान की मदद से जम्मू-कश्मीर में बड़ी घटनाओं को अंजाम दे सकता है। इसे देखते हुए भारतीय सेना भी हर चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है। सेना प्रमुख मनोज नरवणे का यह लद्दाख दौरा हालात का जायजा लेने के लिए हुआ है।
नियंत्रण रेखा पर K9-वज्र स्वचालित होवित्जर रेजिमेंट तैयार
K-9 वज्र स्व-चालित तोप के प्रदर्शन पर सेना प्रमुख नरवणे ने बोलते हुए कहा कि फील्ड परीक्षण बेहद सफल रहा। ये बंदूकें ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी काम कर सकती हैं।नियंत्रण रेखा पर पहली K9-वज्र स्वचालित होवित्जर रेजिमेंट को तैनात किया गया है। K9-वज्र (तोप) करीब 50 किमी की दूरी पर दुश्मन के ठिकानों पर हमला करने की क्षमता रखती है।