जम्मू, एजेंसी। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर पाकिस्तान से बात करने का राग अलापा है। गुपकार गठबंधन के नेताओं की बैठक के बाद उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मामले पर पाकिस्तान से बात होनी चाहिए। प्रदेश में अगर शांति लानी है तो उसके लिए पाकिस्तान से बातचीत होनी चाहिए। शांति बहाली के लिए संवाद ही एक रास्ता है। यह पहली बार नहीं है जब महबूबा ने कश्मीर मामले पर पाकिस्तान का राग अलापा हो, वह कई बार पाकिस्तान से बात करने की वकालत कर चुकी हैं।

पीडीपी प्रमुख का ये बयान उस समय आया है जब केंद्र सरकार प्रदेश के नेताओं से बात करने जा रही है। ऐसे में महबूबा का बयान नया विवाद पैदा कर सकता है। क्योंकि प्रदेश के मुद्दे पर सरकार पाकिस्तान की दखलअंदाजी नहीं चाहती। उधर, महबूबा मुफ्ती के बयान पर जानकारों का कहना है कि बैठक से पहले उन्होंने ये सियासी शिगूफा छोड़ा है, जिसका सरकार पर कोई असर नहीं होने वाला।

बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला के आवास पर गुपकार गठबंधन के सदस्यों दलों की बैठक थी। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक पर मंथन चल रहा था। बैठक के बाद पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमसे जो छीन लिया गया है, हम उसके बारे में बात करेंगे। महबूबा का इशारा अनुच्छेद-370 की तरफ था। इसके साथ वहीद पारा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि राजनीतिक बंदियों को रिहा किया जाना चाहिए। वह कैदियों की रिहाई पर जोर देंगी। इसी दौरान उन्होंने पाकिस्तान से बात करने की वकालत की।

 

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