मुंबई, एजेंसी : महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (CBI) के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया है। देशमुख पर मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच CBI पहले से कर रही है। पिछले महीने देशमुख के 11 ठिकानों पर CBI ने रेड की थी और कई सबूत जमा किए थे। इनमें कुछ हार्ड डिस्क और अन्य कागजात शामिल हैं। माना जा रहा है कि CBI ने इस सबूतों को ED से शेयर किया था और इसी के आधार पर ईडी ने केस दर्ज किया है।
अनिल देशमुख पर यह है आरोप
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने करीब डेढ़ महीने पहले राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया था कि अनिल देशमुख ने ही मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का टारगेट दिया था। हालांकि, अनिल देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से CBI जांच के आदेश के बाद देशमुख को पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
सचिन वझे ने भी देशमुख पर लगाया था वसूली का आरोप
सिर्फ परमबीर सिंह ने ही नहीं सचिन बल्कि वझे ने भी महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर अवैध वसूली का टारगेट देने का आरोप लगाया था। सचिन वझे ने NIA को दिए बयान में कहा, ‘मैंने 6 जून 2020 को दोबारा ड्यूटी ज्वाॅइन की थी। मेरी ज्वॉइनिंग से शरद पवार खुश नहीं थे। उन्होंने मुझे दोबारा सस्पेंड करने के लिए कहा। यह बात मुझे खुद अनिल देशमुख ने बताई थी। उन्होंने मुझसे पवार साहब को मनाने के लिए 2 करोड़ रुपए भी मांगे थे। इतनी बड़ी रकम देना मेरे लिए मुमकिन नहीं था। इसके बाद गृह मंत्री ने मुझे इसे बाद में चुकाने को कहा। इसके बाद मेरी पोस्टिंग मुंबई के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट (CIU) में हुई।’
वझे ने आगे बताया था, ‘जनवरी 2021 में गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मुझे अपने सरकारी बंगले पर बुलाया। तब उनके PA कुंदन भी वहां मौजूद थे। इसी समय मुझसे मुंबई में 1,650 पब, बार मौजूद होने और उनसे हर महीने 3 लाख रुपए के कलेक्शन की बात कही गई। इस पर मैंने गृह मंत्री अनिल देशमुख से कहा कि शहर में 1,650 बार नहीं, सिर्फ 200 बार हैं।’
आगे सचिन वझे ने बताया, ‘मैंने गृह मंत्री को इस तरह बार से पैसा इकट्ठा करने से भी मना कर दिया था, क्योंकि मैंने उन्हें बताया था कि यह मेरी क्षमता से बाहर की बात है। तब गृह मंत्री के PA कुंदन ने मुझे कहा था कि अगर मैं अपनी जॉब और पोस्ट को बचाना चाहता हूं, तो वही करूं, जो गृह मंत्री कह रहे हैं।’