नयी दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने महिला पत्रकारों के लगातार हो रहे ऑनलाइन उत्पीड़न की मंगलवार को निंदा की और सरकार से मांग की कि इस तरह के “महिला द्वेषी एवं अपमानजनक” डिजिटल वातावरण को खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
इसने दावा किया कि इनमें से अधिकतर हमले उन पत्रकारों पर लक्षित होते हैं, जो सरकार और सत्ताधारी दल के मुखर आलोचक हैं।
ईजीआई ने हाल में आई एक खोजी रिपोर्ट का हवाला देते हुए उच्चतम न्यायालय से ‘टेक फॉग ऐप’ की जांच कराने का आदेश देने का आग्रह किया, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इस ऐप के माध्यम से अपमानजनक ट्वीट कर महिला पत्रकारों का उत्पीड़न किया जा रहा है।
संगठन ने यह आग्रह इन आरोपों के मद्देनजर किया है कि इस प्रकरण में सत्तारूढ़ दल से जुड़े प्रभावशाली लोग शामिल हो सकते हैं।
समाचार पोर्टल ‘द वायर’ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि सत्तारूढ़ भाजपा के आईटी सेल से जुड़े लोग निष्क्रिय व्हाट्सऐप खातों को नियंत्रित करने, प्राय: संपर्क किए गए नंबरों पर संदेश भेजने और सोशल मीडिया मंचों पर ‘ट्रेंड’ करते विषयों को “हाइजैक” करने के लिए ऐप का उपयोग कर रहे हैं।
ईजीआई ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया महिला पत्रकारों के निरंतर ऑनलाइन उत्पीड़न की निंदा करता है, जिसमें लक्षित और संगठित ऑनलाइन ट्रोलिंग के साथ-साथ यौन शोषण की धमकी भी शामिल है।’’
संगठन ने कहा कि इससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि इनमें से ज्यादातर हमले उन पत्रकारों को चुप कराने पर लक्षित होते हैं, जो मौजूदा सरकार और सत्ताधारी दल के मुखर आलोचक हैं।
ईजीआई ने अपने बयान में कहा है, “यह सभी लोकतांत्रिक मानदंडों का मजाक और कानून का उल्लंघन है।”
गिल्ड ने कहा कि इस तरह की “संगठित ट्रोलिंग और उत्पीड़न” के नवीनतम उदाहरण समाचार पोर्टल द वायर द्वारा की गई जांच से सामने आए हैं।
ईजीआई ने कहा, “काफी आहत करने वाले इन संदेशों का उद्देश्य उनमें (पत्रकारों) डर पैदा करना और उन्हें स्वतंत्र रूप से विचार अभिव्यक्त करने से रोकना होता है।”
गिल्ड ने मुस्लिम महिलाओं की कथित ऑनलाइन “नीलामी” के हालिया उदाहरणों का भी संज्ञान लिया, जिसमें सरकार की आलोचक पत्रकारों को भी निशाना बनाया गया।
इसने कहा कि हालांकि कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने इस तरह के ऐप चलाने वाले लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन आगे और जांच की आवश्यकता है, ताकि इस तरह के घृणित कृत्यों में शामिल सभी लोगों को न्याय के कठघरे में लाया जा सके।
बयान में कहा गया है, “एडिटर्स गिल्ड की मांग है कि सरकार इस महिला द्वेषी और अपमानजनक डिजिटल वातावरण को तोड़ने तथा खत्म करने के लिए तत्काल कदम उठाए और इसमें शामिल दोषियों एवं संस्थाओं की पहचान करने तथा उन्हें दंडित करने के लिए गहन जांच की जाए।”
ईजीआई ने कहा, “इसके अलावा, इन आरोपों के मद्देनजर कि टेक फॉग ऐप मामले में सत्तारूढ़ दल से जुड़े प्रभावशाली लोगों की संलिप्तता हो सकती है, गिल्ड की मांग है कि उच्चतम न्यायालय मामले का संज्ञान ले और इसकी जांच के आदेश दे।”