नई दिल्ली : देश में अपराधियों का पुलिस व जांच एजेंसियों से बचना मुश्किल होगा। केंद्र सरकार ने इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को लागू करने का फैसला किया। आल इंडिया बार एसोसिएशन (AIBA) ने केंद्र के इस कदम का स्वागत किया है।

बार एसोसिएशन का कहना है कि इससे देश का सुरक्षा तंत्र और मजबूत होगा। अपराधियों का पता लगाने, अपराधों को सुलझाने और भारत को सुरक्षित देश बनाने में मदद मिलेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता और एआईबीए के अध्यक्ष डॉ आदिश सी अग्रवाल ने एक बयान में कहा कि कानून से जुड़े लोगों की लंबे समय से चली आ रही व्यक्तिगत मैपिंग की मांग पूरी हो रही है।

इससे कानून की नजर से बचने वाले अपराधियों का छूटना मुश्किल होगा। केंद्र सरकार क्रांतिकारी इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम लागू करने जा रही है। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इससे आपराधिक न्याय के रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण की दिशा में लंबी छलांग लगेगी। यह कानून का पालन कराने वाली सभी एजेंसियों, प्रयोगशालाओं व अदालतों के लिए सुलभ होगा।

इसके माध्यम से जहां अपराधियों का बचना मुश्किल होगा वहीं, कानून सभी के लिए समान है, यह बात दोषी या निर्दोष सभी को महसूस होगी। मौजूदा आपराधिक न्याय प्रणाली में बड़ी खामी यह है कि महत्वपूर्ण जानकारी अलग-अलग डेटाबेस में फैली हुई है। यह न तो सुलभ है और न ही एकीकृत है। इसके अभाव में गंभीर अपराधों की जांच अंधेरे में हाथ मारने जैसी होती है।  डॉ. अग्रवाल ने कहा कि इसी खामी का लाभ अपराधी उठाते हैं और अलग-अलग अदालतों में वे भ्रामक व गलत जानकारियां देकर कानून व जांच एजेंसियों की पकड़ से बच जाते हैं।

 

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