नयी दिल्ली, एजेंसी।  दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर सीवर और सेप्टिक टैंकों की हाथ से सफाई करने के कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए हाथ से मैला ढोने पर 2013 के कानून का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने को लेकर दाखिल एक याचिका में केंद्र को भी पक्षकार बनाने का अनुरोध किया गया है।

याचिका में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले के राज्यसभा में हाल में दिए उस बयान का जिक्र किया गया है कि पिछले पांच साल में ‘‘हाथ से मैला ढोने के कारण किसी की भी मौत नहीं हुई।’’

वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने अपनी मुख्य याचिका में हाथ से मैला ढोने पर 2013 के कानून का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया है।

याचिका में दावा किया गया है कि केंद्रीय राज्यमंत्री द्वारा संसद के ऊपरी सदन में दिया गया बयान ‘‘न केवल झूठा और गुमराह करने वाला है बल्कि यह हाथ से मैला ढोने के कारण जान गंवाने वाले लोगों, उनके परिवारों और अब भी यह काम कर रहे लोगों के प्रति असंवेदनशीलता और उदासीनता को दिखाता है।’’

 

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