नई दिल्ली, एजेंसी  : यूक्रेन से भारत आने वाले फंसे भारतीयों ने यूक्रेन की एयरलाइन कंपनी पर महंगे दामों में टिकट बेचने का आरोप लगाया था। जिसके बाद एयरलाइन कंपनी यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस ने महंगे टिकट बेचने के आरोपों को खारिज किया है। दिल्ली में भारत में यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस के जनरल सेल्स एजेंट अंजू वरिया ने बताया कि कंपनी कभी भी पैसा कमा सकती है। ऐसा करने का यह सही समय नहीं है।

वरिया ने कहा हम यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के माता-पिता की चिंता को समझते हैं और हम छात्रों को वापस लाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि एयरलाइन का किराया टाटा के स्वामित्व वाली एयर इंडिया के चार्ज के बराबर ही था। छात्रों को वापस लाने को प्राथमिकता बताते हुए वरिया ने कहा कि वे यह देखने की योजना बना रहे हैं कि क्या छात्रों को भारत वापस लाया जा सकता है या क्या भारतीय नागरिकों को यूक्रेन के पश्चिमी भाग या आसपास के सीमावर्ती देशों में ले जाया जा सकता है।

रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव के बीच कई एयरलाइनों ने भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए एयर इंडिया सहित विशेष उड़ानें संचालित करने की घोषणा की है। हालांकि अभी यूक्रेन का हवाई क्षेत्र फिलहाल बंद है।

भारत से यूक्रेन इंटरनेशनल एयरलाइंस का संचालन करने वाले एसटीआईसी ट्रैवल ग्रुप की बिक्री प्रबंधक सुनयना पंडित ने बताया कि हम यूक्रेन में कई नजदीकी देशों के संपर्क में हैं। इसके लिए सरकार की अनुमति मिलने के बाद उड़ान सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को यूक्रेन के दो प्रांतों  डोनेत्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र संस्थाओं के रूप में मान्यता दी थी। ये दोनों प्रांत रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे तनाव को बढ़ा रहे थे। गौरतलब है कि 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन को स्वतंत्रता मिली थी।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा था कि डोनबास क्षेत्र में लोगों की रक्षा के लिए विशेष सैन्य अभियान शुरू किया जा रहा है। उन्होंने अन्य देशों को भी चेतावनी दी थी कि रूसी कार्रवाई में हस्तक्षेप करने के किसी भी प्रयास के परिणाम घातक होंगे। यूके, यूएस, कनाडा और यूरोपीय संघ सहित कई देशों के नेताओं ने डोनबास क्षेत्र में रूस के सैन्य अभियानों की निंदा की है।

 

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