नई दिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि रक्षा मंत्रालय अपने बजट खर्च की निगरानी के लिए तीनों सेवाओं के प्रतिनिधियों के साथ एक पैनल बनाएगा ताकि इसका पूरा उपयोग किया जा सके। उन्होंने बजट के बाद एक वेबिनार के दौरान कहा कि इस बजट में आयात को कम करने और सशस्त्र बलों को स्वदेशी तकनीक से आधुनिक बनाने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर  दिया गया है।

मेक-आई के तहत पांच परियोजनाओं को मंजूरी मिलेगी

राजनाथ सिंह ने कहा कि मुझे यकीन है कि रक्षा मंत्रालय ने वेबिनार के दौरान प्राप्त और इसमें विचार किए गए सभी अहम सुझावों को नोट कर लिया है और रक्षा में आत्मानिर्भरता के लिए बजट घोषणाओं के समयबद्ध कार्यान्वयन के लिए एक कार्ययोजना भी तैयार की है। उन्होंने कहा कि उद्योग के नेतृत्व वाले अनुसंधान और विकास प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए मैं वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान मेक-आई के तहत कम से कम पांच परियोजनाओं को मंजूरी दूंगा। मेक-आई श्रेणी के तहत परियोजनाओं में रक्षा मंत्रालय और विक्रेता के बीच सहमत शर्तों के अनुसार, चरणबद्ध तरीके से जारी और योजना की प्रगति के आधार पर 90 प्रतिशत सरकारी वित्त पोषण शामिल है।

रक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप्स को मदद मिलेगी

उन्होंने कहा कि हम खास तौर पर निजी उद्योग और स्टार्टअप के लिए निर्धारित बजट की निगरानी के लिए तीनों सेवाओं के प्रतिनिधियों के साथ महानिदेशक अधिग्रहण के तहत एक निगरानी तंत्र तैयार करेंगे, ताकि इसका पूरी तरह से उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय क्यूए (QA) प्रक्रिया में सुधार करेगा, ताकि यह गैर-घुसपैठ, रोकथाम आधारित और इंस्पेक्टर राज से मुक्त हो। हम परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए आईडीईएक्स प्राइम के साथ आएंगे, जिसके लिए 1.5 करोड़ रुपये से लेकर 10 करोड़ रुपये तक की जरूरत होगी। इससे रक्षा क्षेत्र में हमारे बढ़ते स्टार्टअप्स को मदद मिलेगी।

राजनाथ ने कहा कि हम घरेलू उद्योग के लिए पूंजीगत खरीद बजट में लगातार वृद्धि कर रहे हैं, 2022-23 के लिए पूंजीगत खरीद बजट का 68 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। मुझे यकीन है कि घरेलू उद्योग इस बढ़े हुए बजट का उपयोग करने में पूरी तरह से सक्षम है। मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि सरकार मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए अपनी उद्योग समर्थक नीतिगत पहल को और अधिक उत्साह के साथ जारी रखेगी।

 

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