नयी दिल्ली : विभिन्न राज्य सरकारों ने मादक पदार्थ से जुड़े 25 महत्वपूर्ण मामले स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) को सौंपे हैं ताकि गिरोह के खिलाफ व्यापक जांच की जा सके और समूचे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।
अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि संघीय मादक पदार्थ रोधी एजेंसी ने अंतर राज्यीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर से जुड़े इन मामलों में जांच करने, आरोपियों की गिरफ्तारी करने, आरोप पत्र दायर कनरे और दोषसिद्धि सुनिश्चित कराने के लिए अधिकारियों के समूह को तैनात किया है।
मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और कुछ अन्य राज्यों ने “मादक पदार्थ के बड़े मामलों की पहचान की है और उन्हें स्वापक नियंत्रण ब्यूरो को सौंप दिया है।” वहीं कुछ अन्य राज्य सरकारों से अन्य मामलों को लेकर एजेंसी की बातचीत चल रही है।
पिछले साल नवंबर में एसीबी के महानिदेशक (डीजी) सत्य नारायण प्रधान ने राज्य के अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा था कि राज्य अंतरराज्यीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर से जुड़े मामलों को एनसीबी को स्थानांतरण करने पर विचार करें ताकि जांच को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जा सके। इसके बाद नशीले पदार्थों से जुड़े अनसुलझे मामलों को एजेंसी को सौंपा गया।
इससे पहले एक उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय मादक पदार्थ परिदृश्य की समीक्षा की थी जिसके बाद पत्र लिखा गया था। उन्होंने केंद्रीय और राज्य की स्वापक अपराध जांच एजेंसियों के करीबी साझेदारी और समन्वय से काम करने की जरूरत पर जोर दिया था।
डीजी प्रधान ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उनकी चिट्ठी के बाद एजेंसी को राज्यों ने अब तक 25 मामले सौंपे हैं और एजेंसी ने उन पर काम शुरू कर दिया है।
प्रधान ने कहा, “हम विभिन्न राज्य सरकारों के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं और जल्द ही हमें ऐसे 25 और बड़े मामले मिलने की उम्मीद है। इसका उद्देश्य राज्य के अधिकारियों की मदद से अखिल भारतीय गठजोड़ का पता लगाना और नशीले पदार्थों की तस्करी श्रृंखला को बाधित करना है।”