नयी दिल्ली, एजेंसी। केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि उसने इस साल मार्च में सभी राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों से सभी सभाओं में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने को कहा था।
गृह मंत्रालय का यह जवाब उस याचिका पर आया है जिसमें कोविड-19 महामारी के मद्देनजर चुनाव आयोग और केंद्र द्वारा मास्क पहनने समेत जारी अन्य दिशा-निर्देशों का बार-बार उल्लंघन करने वाले प्रचारकों और उम्मीदवारों के विधानसभा चुनाव में प्रचार करने पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
यह याचिका उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर एकाउन्टेबलिटी एंड सिस्टेमिक चेंज’ के अध्यक्ष विक्रम सिंह ने दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि केंद्र और चुनाव आयोग के आदेशों और दिशा-निर्देशों के बावजूद, ‘‘कोविड-19 से संबंधित नियमों का पालन किये बिना चुनाव प्रचार जोर-शोर से चल रहा है।’’
केंद्र सरकार के स्थायी वकील अनुराग अहलूवालिया के जरिये दायर हलफनामा में गृह मंत्रालय ने कहा है कि उसने आपदा प्रबंधन कानून-2005 के तहत राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को जारी दिशा-निर्देशों में हमेशा कोविड-19 प्रोटोकॉल और मानक संचालन प्रक्रिया का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का प्रावधान किया है।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि 23 मार्च को ‘कोविड-19 के प्रभावी नियंत्रण के लिये जारी दिशा-निर्देशों’ में उसने जोर दिया कि ‘राज्यों को टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट (जांच करने, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और उनका उपचार करने), कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने और स्कूलों, होटलों, रेस्त्रां, शॉपिंग मॉल, जिम आदि को खोलने के लिये निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया को सख्ती से लागू करना चाहिये।’’
मंत्रालय ने कहा है, ‘‘इसके अलावा राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हालात के अपने आकलन के आधार पर जिला/ उपजिला,शहर/वार्ड स्तर पर स्थानीय पाबंदियां लगा सकते हैं।’’
सिंह का प्रतिनिधित्व अधिवक्ता विराग गुप्ता ने किया। उन्होंने अदालत से कहा था कि चुनावों की घोषणा करते वक्त निर्वाचन आयोग ने अपनी अधिसूचना में कहा था, ‘‘चुनाव से संबंधित प्रत्येक गतिविधि के दौरान हर व्यक्ति मास्क पहनेगा, लेकिन राजनीतिक दलों, उनके नेताओं और प्रचारकों ने रैलियों, जनसभाओं और रोडशो के दौरान दंड के अभाव में उसका जमकर उल्लंघन किया।’’
बाद में उन्होंने अधिवक्ता गौरव पाठक के जरिये दो और आवेदन दाखिल किये। उन्होंने ‘स्टार प्रचारकों’ और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के खिलाफ चुनाव के दौरान कोविड-19 मानकों का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिये जुर्माना लगाने और प्राथमिकी दर्ज करने जैसी कार्रवाई करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का अनुरोध किया।