नई दिल्ली, एजेंसी : कांग्रेस ने राफेल डील पर एक बार फिर से सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि राफेल डील में बड़ा घोटाला हुआ है। इस डील में कमीशन खोरी हुई है। खेड़ा ने कहा कि हमारी मांग है कि जो घोटाला हुआ है, उसमें कमीशन किस को मिला, इसकी जांच कराई जाए ताकि यह सामने आ सके कि सच्चाई क्या है? हमें सीबीआई पर भरोसा नहीं है। क्योंकि वह अपने ही मामलों में काफी उलझी है।

पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा ने बहुत जल्दी डील कर ली। इतनी जल्दी कर ली गई कि बिना टेंडर 526 करोड़ की डील का सौदा 1600 करोड़ में तय हो गया। मांग की कि इलेक्टोरल बॉन्ड्स की जांच कराई जाए कि किसे कितना पैसा किसने दिया। सुषेण गुप्ता ने दिया या उनकी कंपनियों ने दिया।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खुद एक क्लॉज हटाकर इस डील को आगे बढ़ाया था। इसकी जांच होनी चाहिए। देश के खजाने को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया है। पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि यह देश का सबसे बड़ा रक्षा घोटाला है, जिसे मोदी सरकार द्वारा किया गया है।

कांग्रेस ने आरोप  लगाया है कि मोदी सरकार द्वारा राफेल डील में भ्रष्टाचार, रिश्वत और मिलीभगत को दफनाने के लिए एक “Operation Cover-up” चल रहा है और वह फिर से उजागर भी हो रहा है। भाजपा सरकार ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ का बलिदान कर दिया, भारतीय वायु सेना के हितों को खतरे में डालकर देश के खजाने को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया है। पवन खेड़ा ने कहा कि पिछले 5 वर्षों से संदिग्ध राफेल डील मामले में प्रत्येक आरोप और पहेली का प्रत्येक टुकड़ा मोदी सरकार में बैठे सत्ता के उच्चतम स्तर तक के लोगों तक जाता है। ‘ऑपरेशन कवर-अप’ में नवीनतम खुलासे से राफेल भ्रष्टाचार को दफनाने के लिए मोदी सरकार-सीबीआई-ईडी के बीच संदिग्ध सांठगांठ का पता चलता है। 4 अक्तूबर 2018 को भाजपा के दो पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और एक वरिष्ठ वकील ने राफेल सौदे में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का हवाला देते हुए उस वक़्त के सीबीआई के निदेशक को अपना पूरा हलफनामा, शिकायत की एक फाइल सौंपी।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 11 अक्तूबर 2018 को मॉरीशस सरकार ने अपने अटॉर्नी जनरल के माध्यम से राफेल सौदे से जुड़े कमीशन के कथित भुगतान के संबंध में सीबीआई को दस्तावेज दिए। 23 अक्तूबर 2018 को पीएम मोदी की अगुवाई वाली एक समिति ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को मध्यरात्रि में तख्तापलट कर हटा दिया। दिल्ली पुलिस के माध्यम से सीबीआई मुख्यालय पर छापा मारा और  एम नागेश्वर राव को सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया। कांग्रेस ने सवाल किया मोदी सरकार और सीबीआई ने पिछले 36 महीनों से कमीशन और भ्रष्टाचार के सबूतों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? इसे मामले को क्यों दफनाया गया? मोदी सरकार ने मध्यरात्रि तख्तापलट में सीबीआई प्रमुख को क्यों हटाया?

कांग्रेस के सवाल

कांग्रेस ने सवाल किया कि भारतीय वायु सेना से परामर्श किए बिना राफेल विमानों की संख्या को 126 से घटाकर 36 कैसे व क्यों कर दिया? साथ ही भारत को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और एचएएल द्वारा राफेल के निर्माण से इनकार क्यों किया। पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार विरोधी खंड को क्यों निरस्त कर दिया जो रक्षा खरीद प्रक्रिया के अनुसार किसी भी निविदा के लिए बहुत आवश्यक है? राफेल घोटाले में अपनी भूमिका की जांच के आदेश न देकर उन्होंने सुशेन गुप्ता की रक्षा क्यों की?

 

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