नई दिल्ली, एजेंसी : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) को एक दूरदर्शी योजना बताते हुए कहा कि कोविड-19 के शुरुआती प्रकोप के समय से इसके स्वयंसेवकों ने वृहद स्तर पर जागरूकता के प्रसार तथा राहत गतिविधियों में जिला प्रशासन की मदद की। शुक्रवार को राष्ट्रपति ने डिजिटल माध्यम से एक समारोह में वर्ष 2019-20 के लिए राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार प्रदान करते हुए यह बात कही ।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि मानव जीवन की इमारत प्रायः छात्र जीवन की नींव पर खड़ी होती है और सीखना जीवनपर्यंत चलने वाली एक सतत प्रक्रिया है, लेकिन बुनियादी व्यक्तित्व का विकास छात्र जीवन के दौर में ही शुरू हो जाता है।

उन्होंने कहा कि इसलिए वे राष्ट्रीय सेवा योजना-एनएसएस को एक दूरदर्शी योजना मानते हैं, जिसके माध्यम से छात्रों को अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में ही समाज व देश की सेवा करने का अवसर मिलता है।

राष्ट्रीय सेवा योजना का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 के शुरुआती प्रकोप के समय से लेकर, बड़े पैमाने पर मास्क का उत्पादन शुरू होने तक एनएसएस द्वारा 2 करोड़ 30 लाख से अधिक मास्क बनाए गए और देश के विभिन्न हिस्सों में वितरित किए गए।

उन्होंने कहा कि एनएसएस के स्वयंसेवकों ने हेल्पलाइन के माध्यम से लोगों को कोविड से संबंधित जानकारी प्रदान की और साथ ही जिला प्रशासन को जागरूकता तथा राहत गतिविधियों में मदद की।

कोविंद ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की स्थापना वर्ष 1969 में महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी के अवसर पर की गई थी जिन्होंने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा में ही समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि गांधी जी का जीवन मानव सेवा का उत्कृष्ट उदहारण है तथा उनके आदर्श और उनकी सेवा की भावना आज भी हम सब के लिए प्रासंगिक एवं प्रेरणादायी हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि आजादी के 75वें वर्ष को पूरे देश में ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है तथा उन्हें यह जानकर खुशी हुई है कि भारतीय स्वाधीनता आंदोलन और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान पर वेबिनार/सेमिनार आयोजित करके इस महोत्सव में एनएसएस के स्वयंसेवक योगदान दे रहे हैं।

 

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