नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 2022-22 का केन्द्रीय बजट राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने में अहम भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री ने ‘केन्द्रीय बजट 2022-23 के सकारात्मक प्रभाव’ विषय पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि ‘नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी’ की स्थापना से देश के शैक्षणिक संस्थानों में सीट की समस्या खत्म हो सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बजट शिक्षा क्षेत्र के पांच पहलुओं- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास, शहरी नियोजन एवं डिजाइन, अंतरराष्ट्रीयकरण और एवीजीसी (एनिमेशन विजुअल इफेक्ट्स गेमिंग कॉमिक) के सार्वभौमिकरण पर केन्द्रित है। मोदी ने कहा कि वैश्विक महामारी के इस समय में ‘डिजिटल कनेक्टिविटी’ ने हमारी शिक्षा व्यवस्था को बचाए रखा। उन्होंने कहा,’हम देख रहे हैं कि कैसे भारत में तेजी से डिजिटल डिवाइड कम हो रहा है। नवाचार हमारे लिए समावेश सुनिश्चित कर रहा है।’ डिजिटल डिवाइड, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों (आईसीटी) के उपयोग एवं प्रभाव के संबंध में एक आर्थिक तथा सामाजिक असमानता है।

उन्होंने कहा कि ई-विद्या, वन क्लास वन चैनल, डिजिटल लैब, डिजिटल यूनिवर्सिटी, जैसी शैक्षिक अवसंरचनाएं युवाओं के लिए बहुत मददगार होंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने में 2022-23 का बजट काफी मदद करेगा। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में शिक्षा बच्चों के मानसिक विकास से जुड़ी है। अनेक राज्यों में स्थानीय भाषाओं में चिकित्सा और प्रौद्योगिकी शिक्षा की पढ़ाई शुरू हो चुकी है।

बजट में देशभर में छात्रों तक पहुंच प्रदान करने के लिए एक डिजिटल यूनिवर्सिटी की स्थापना की घोषणा का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि यह अपनी तरह का एक अनोखा एवं अभूतपूर्व कदम है। मोदी ने कहा, ‘मैं डिजिटल यूनिवर्सिटी में वह ताकत देख रहा हूं, जिससे हमारे देश में शैक्षणिक संस्थानों में सीट की समस्या पूरी तरह खत्म हो सकती है।’

 

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