मुंबई, एजेंसी : महाराष्ट्र सदन घोटाले में राज्य मंत्री छगन भुजबल को बड़ी राहत मिली है। घोटाले के आरोप झेल रहे छगन भुजबल और उनके परिवार के सदस्यों को मुंबई सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया। कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए उन्हें इस घोटाले से मुक्त कर दिया। छगन भुजबल फिलहाल महाराष्ट्र सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले के मंत्री हैं।

छगन भुजबल के साथ-साथ उनके बेटे पंकज भुजबल और उनके भतीजे समीर भुजबल को भी बरी किया गया है। मुंबई सेशन कोर्ट के फैसले पर एंटी करप्शन ब्यूरो और सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दामनिया ने दुख जताया है। एंटी करप्शन ब्यूरो ने दावा किया कि उनके पास छगन भुजबल और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ ठोस सबूत हैं।

मुंबई सेशन कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती

वहीं, भुजबल की तरफ से पेश वकीलों ने कहा कि सभी आरोप झूठे हैं और साजिश के तहत उनपर घोटाले का आरोप लगाया गया। वकीलों ने एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच पर भी सवाल उठाए। कोर्ट के फैसले पर अंजली दामनिया ने कहा कि महाराष्ट्र सदन घोटाला एसीबी द्वारा दर्ज सात केसों में से एक था। सेशन कोर्ट के इस फैसले को वह हाईकोर्ट में चुनौती देंगी।

क्या है पूरा मामला

महाराष्ट्र सदन घोटाले में एनसीपी नेता छगन भुजबल पर आरोप है कि साल 2005-2006 के दौरान उन्होंने बिना टेंडर जारी किए ठेका केएस चमनकर इंटरप्राइजेज को दे दिया था। इसके बदले भुजबुल और उनके परिवार को कंपनी ने पैसा दिया था। इसी बाबत एसीबी में शिकायत की गई थी। एसीबी पूरे मामले की जांच की जिसमें भुजबल के खिलाफ कुछ सबूत मिले। हालांकि, कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद यह फैसला सुनाया है।

 

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