नई दिल्ली, एजेंसी   : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि सच्चाई यह है कि ज्यादातर किसान तीनों कृषि कानून को पूरी तरह नहीं समझते हैं। अगर वे समझ गए, तो पूरे देश में आंदोलन होगा। देश में आग लग जाएगी। केरल दौरे पर पहुंचे राहुल ने वायनाड में गुरुवार को कार्यक्रम में केंद्र सरकार इकोनॉमी के मुद्दे पर भी घेरा।

कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले 2 महीने से आंदोलन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि इन कानूनों को वापस लिया जाए, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है।

कृषि कानून वापस लेने की अपील की

इससे पहले राहुल ने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की अपील की। उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की लाइंस का हवाला देते हुए लिखा कि विनम्र तरीके से आप दुनिया हिला सकते हैं- महात्मा गांधी। एक बार फिर मोदी सरकार से अपील है कि तुरंत कृषि-विरोधी कानून वापस लिए जाएं।

2-3 बड़े व्यापारियों के लाभ के लिए काम हो रहा

उन्होंने कहा कि आप आज देश की स्थिति को जानते हैं, हर कोई समझता है कि क्या चल रहा है? 2-3 बड़े व्यापारियों के लाभ के लिए प्रधानमंत्री और सरकार काम कर रहे हैं। आज हर एक उद्योग पर 3-4 लोगों का एकाधिकार है।

सरकार ने देश की इकोनॉमी को बर्बाद किया : राहुल

इधर, बजट सत्र से पहले राहुल ने सोशल मीडिया पर मोदी सरकार को इकोनॉमी के मुद्दे पर घेरा। उन्होंने कहा कि तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था को कैसे बर्बाद करें, यह मोदी सरकार से सीखें।

तमिलनाडु दौरे पर भी सरकार को घेरा था

हाल ही में तमिलनाडु दौरे पर भी राहुल ने केंद्र सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा था कि भारत सरकार की हर नीतियां सिर्फ पांच से छह बड़े व्यापारियों को मजबूत करने के लिए तैयार की जाती हैं और इन्हीं नीतियों के चलते देश के मजदूरों और किसानों को कमजोर किया गया। अगर देश के मजदूर, किसान मजबूत होते, उन्हें सुरक्षा दी जाती और उन्हें आगे बढ़ने के लिए अवसर दिया जाता, तो चीन बॉर्डर पर जवानों को सुरक्षा करने की जरूरत नहीं पड़ती। चीन कभी भी भारत की ओर देखने की हिमाकत नहीं करता।

महंगाई को लेकर सरकार पर साधा निशाना था

राहुल ने सरकार पर महंगाई को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा था कि लोग मंहगाई से परेशान हैं और मोदी सरकार टैक्स जुटाने में व्यस्त है। मोदी सरकार के लिए GDP का मतलब गैस, डीजल और पेट्रोल का दाम बढ़ाना है।

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