मल्टीप्ल ऑर्गन फेलियर एक ऐसा सिंड्रोम है जिसमें व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इसका असर हमारे इम्यून सिस्टम सहित कई दूसरे अंगों पर भी पड़ता है। इसलिए इसके बारे में भी आपको जानकारी होना जरूरी है।
कोरोना काल में तमाम लोग अपनी सेहत के प्रति जागरूक हो रहे हैं। अब वे संक्रमण से बचाव के लिए न सिर्फ अच्छे खान-पान पर ध्यान दे रहे हैं बल्कि फिजीकल एक्टीविटीज पर भी काफी फोकस कर रहे हैं ताकि उनका इम्यून सिस्टम मजबूत रहे। लेकिन सेहतमंद रहने के लिए शरीर के अंदर मौजूद और भी दूसरों अंगों के बारे में भी हमें विचार करना चाहिए। क्योंकि अगर शरीर के एक साथ दो अंग काम करना बंद कर देते हैं तो मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। मौजूदा दौर में मल्टीपल ऑर्गन भी न जाने कितने ही लोगों की मौत का कारण बन रहा है। इस आर्टिकल में जानेंगे कि आखिर क्या मल्टीपल ऑर्गन फेलियर और कैसे एक साथ फेल हो जाते हैं शरीर के दो अंग?
क्या है मल्टीपल ऑर्गन फेलियर सिंड्रोम
जब एक गंभीर संक्रमण या किसी चोट से आई सूजन दो या दो से अधिक अंग प्रणालियों में शिथिलता का कारण बनती है तो अंग प्रणाली की विफलता यानी मल्टीपल ऑर्गन फेलियर कहा जाता है। मल्टीपल ऑर्गन सिस्टम फेलियर को मल्टीपल ऑर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम (MODS) के रूप में भी जाना जाता है जो कि मरीज के लिए घातक हो सकता है। इस सिचुएशन में पीड़ित व्यक्ति की जान भी जा सकती है। इस स्थिति में इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली सहित संपूर्ण शरीर प्रभावित होता है।
मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के कारण
इसका कोई एक कारण नहीं है क्योंकि मरीज को ध्यान में रखते हुए इसके कई फैक्टर्स हो सकते हैं। हालांकि, ऑर्गन सिंड्रोम को सेप्सिस (Sepsis) द्वारा ट्रिगर किया जा सकता है। ये सिंड्रोम चोट, संक्रमण, हाइपरमेटाबॉलिज्म और हाइपोपरफ्यूजन के कारण होता है।
इस सिचुएशन में साइटोकिन्स सेल्स का निर्माण कार्य अहम भूमिका निभाता है। इसी बीच सेल्स को सूचना भेजकर इम्यून सिस्टम को सक्रिय रखा जाता है। एक कारण ये भी है कि शरीर में ब्रैडीकिनिन प्रोटीन्स की अधिकता होने पर भी मल्टीपल ऑर्गन फेलियर होता है।
मल्टीपल ऑर्गन फेलियर और क्या हैं लक्षण
इस स्थिति में शरीर में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है। इससे शरीर में सूजन आने लगती है और ब्लड क्लॉट भी बनने लगते हैं। इससी चपेट में आने से शरीर को ठंड महसूस होना, मांसपेशियों में दर्द शुरू हो जाना, दिन भर पेशाब का ना आना, सांस लेने में अत्यधिक कठिनाई, त्वचा का बेजान पड़ जाना आदि इसके सिम्टम्स यानी लक्षण हैं।
किन अंगों पर होता है मल्टीपन ऑर्गन फेलियर का असर
फेफड़े
हृदय
गुर्दा
जिगर
मस्तिष्क
रक्त
उपचार
शोध के अनुसार, देश और दुनिया में अंग विफलता वाले रोगियों का उपचार अभी भी काफी हद तक कारगर है। पिछले 20 वर्षों के आंकड़ों पर पर गौर किया जाएगा तो रोगी की मृत्यु दर का प्रभाव काफी कम है। ऐसे में अगर समय रहते व्यक्ति अपने सिम्टम्स को पहचान लेता है तो वो अपनी जांच करा सकता है। अगर आप खुद में ऊपर बताए गए लक्षणों को पाते हैं तो बिना देर किए अपने डॉक्टर से मीटिंग करें। समय रहते इसका इलाज कराने से आप अपना बचाव कर सकते हैं।
डॉक्टर आपके इंफेक्शन और ब्लड क्लॉट बनने के बारे में जांच करेंगे। इसके अलावा हो सकता है कि एक्सपर्ट बीमारी की गहराई से जांच करने के लिए मूत्र परीक्षण, श्लेष्मा स्राव परीक्षण, और घाव स्राव परीक्षण जैसे टेस्ट कराने की सलाह भी दे सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।