— मुकुल मिश्र

देश में कोविड-19 महामारी संकट के दौरान जब लॉकडाउन लगाया गया तो उस समयकेंद्र सरकार ने गरीबों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना(PMGKAY)  की शुरुआत की। इस योजना के अंतर्गत प्रतिपरिवार, प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांचकिलो खाद्यान्न (चावल या गेहूं) उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रत्येकपरिवार को प्रति माह एक किलोग्राम दाल भी उपलब्ध करायी जा रहा है। प्रधानमंत्रीगरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ देश के 80 करोड़ से अधिक लोगों को मिल रहा है। इस योजना का मुख्यउद्देश्य यह था कि कोरोना काल में लोग अपने घरों में रहें और लॉकडाउन के दौरान कोईभूखा न रहे। इस योजना के अंतर्गत गरीबों को जो राशन दिया जा रहा है, वह राष्ट्रीयखाद्य सुरक्षा अधिनियम(NFSA)के तहत संचालितकी जा रही योजना के तहत उन्हें राशन कार्ड पर मिलने वाले सामान्य कोटे के राशन केअतिरिक्त है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर आने वाली कुल लागत दो लाख 60 हजार करोड़ रुपयेसे अधिक की होगी। केंद्र सरकार के एक प्रवक्ता के अनुसार, इस योजना केपांचवें चरण पर लगभग 53 हजार 344 करोड़ रुपये व्ययहोने का अनुमान है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत उत्तर प्रदेश मेंपहले चरण से लेकर पांचवें चरण तक कुल 43 हजार 335 करोड़ की कीमत का 139.14 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का वितरण कियाजाएगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में 14 करोड़ 72 लाख से अधिकलोगों को कवर किया गया है। कोरोना काल में इस योजना से गरीबों को बहुत लाभ पहुंचाहै।प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अप्रैल, 2020 में सबसे पहलेतीन महीने (अप्रैल-जून 2020)के लिए शुरू कीगई थी, लेकिन बाद मेंकोरोना संकट जारी रहने के साथ, इस योजना को और पांच महीने (जुलाई-नवंबर, 2020) के लिए बढ़ा दियागया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की शुरुआत करते हुए कहाथा, “हम किसी गरीब औरमजदूर को भूखा नहीं सोने देंगे। हमारी सरकार गरीबों के हितों का पूरा ध्यान रखेगी।कोरोना काल में हमने पूरी ईमानदारी से प्रयास किया है कि कोई गरीब भूखा नहीं सोए।“ प्रधानमंत्रीगरीब कल्याण अन्न योजना के सफलतापूर्वक संचालन के लिए राज्यों को केंद्र सरकार कीतरफ से मिलने वाले खाद्यान्न को दोगुना कर दिया गया है। यह योजना कोरोना महामारीके खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज का एक हिस्सा है।  कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर की देश में शुरुआत होने के बादप्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को एक बार फिर दो महीने (मई-जून, 2021) के लिए शुरू कियागया था और इसे बाद में अगले पांच महीनों (जुलाई-नवंबर, 2021) के लिए बढ़ा दियागया था। अभी हाल में 24 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस योजना केपांचवे फेज को मंजूरी देते हुए इसे 31 मार्च, 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्नयोजना के माध्यम से देश के आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों जैसे कि सड़क पर रहने वालेबेघर लोगों, कूड़ा उठाने वालों, रिक्शा चलानेवालों, दुकानों और छोटेप्रतिष्ठानों में काम करने वालों, प्रवासी मजदूरों को प्राथमिकता दी गयी है। इस योजना का सबसेज्यादा लाभ उन गरीबों को मिला जो रोजगार या दूसरी जरूरतों की तलाश में अपना गांव, घर छोड़कर दूसरेराज्यों या महानगरों की ओर जाते हैं। अपने गांव से कहीं और पलायन करने वालेमजदूरों को उनके पुराने राशन कार्ड पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना काराशन दिया गया।प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ उन सभी गरीबोंको मिल रहा है जिनके पास राशन कार्ड है। इस योजना का लाभ पाने के लिए राशन कार्डहोना अनिवार्य है। राशन कार्ड में जितने लोगों के नाम दर्ज होते हैं, उसी के हिसाब सेसभी को पांच-पांच किलो खाद्यान्न बिल्कुल मुफ्त उपलब्ध कराया जा रहा है। यहखाद्यान्न राशन कार्ड पर सामान्य कोटे के तहत मिलने वाले राशन से अतिरिक्त होताहै। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के पहले और दूसरे चरण में केंद्र सरकार नेउत्तर प्रदेश को 18 हजार 922 करोड़ रुपये कीमतका 58.19 लाख मीट्रिक टनखाद्यान्न उपलब्ध कराया। जिसमें से 56 लाख 20 हजार मीट्रिक टन (96.5 प्रतिशत) खाद्यान्न का वितरण 14 करोड़ 20 लाख से अधिकलाभार्थियों में किया गया।इस योजना के तीसरे चरण में केंद्र सरकारने उत्तर प्रदेश को 4,438 करोड़ रूपये कीमत का 14 लाख 71 हजार मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न उपलब्धकराया। जिसमें से 14 लाख 14 हजार मीट्रिक टन (96.1 प्रतिशत) खाद्यान्न का वितरण 14.10 करोड़ लाभार्थियों मेंकिया गया। इस योजना के चौथे चरण में जुलाई 2021 से नवंबर 2021 तक पांच महीनों के लिए केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश को 11 हजार 96 करोड़ रूपये कीमत का 36 लाख 79 हजार मीट्रिक टन से अधिक खाद्यान्न उपलब्धकराया। इस तरह से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीबों को मुफ्तराशन वितरण के लिए पहले चरण से चौथे चरण तक अब तक उत्तर प्रदेश को कुल लगभग 110 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा चुका है। जिसमें से राज्य सरकारलगभग 106 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न (96.2 प्रतिशत) का वितरण कर चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का जिस तरह सफलतापूर्वक संचालित कर रहीहै, उसकी केंद्र सरकार ने भी तारीफ की है।कोरोना काल में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना गरीबों के लिए संकटमोचक साबितहुई है। कोरोना महामारी के चलते दूसरे राज्यों में काम करनेवाले दिहाड़ी मजदूरों सेलेकर आईटी सेक्टर तक के बेरोजगार हुए युवा व अन्य लोग अपने मूल निवासों को आने केलिए बाध्य हुए। अगर कोरोना काल देखा जाये तो हजारों की संख्या में बाहर कामकरनेवालों की रोजी-रोटी चली गयी औरनौकरी जाने के कारण उन्हें वहां से पलायन करना पड़ा। वह समय कौन भूल सकता है जबलॉकडाउन के चलते भूखे-प्यासे लोग सड़कों पर बस चल ही रहे थे। ऐसेमें उत्तर प्रदेश वापस आये लोगों के लिये यह मुफ्त राशन योजना उनके लिए जीने का सहारा बनी। उस समय कहीं कोई कार्य नहीं था। लोग घरों में बेरोजगारबैठे थे ऐसे में उनके लिए भुखमरी की स्थिति न आने पाये सरकार ने इस योजना को शुरूकिया था। केन्द्र की इस योजना का उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भीसफलतापूर्वक संचालन किया गया। आज भी इस योजना को चलाया जा रहा है। सरकार ने इसयोजना को अगले वर्ष मार्च 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है।उत्तर प्रदेश में तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 12 दिसम्बर को निःशुल्क राशन वितरण महाभियान की शुरूआत स्वयं की है। जिसके तहतयहां पर बिना किसी भेदभाव के पांच किलोग्राम गेहूं या चावल, एक किलोग्राम दाल या चना, एक किलोग्राम रिफाइन्ड और एक किलोग्रामनमक दिया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने इस चरण की शुरूआत करते हुए कहा किप्रधानमंत्री जी ने जिस नेकनीयती से इस योजना की शुरूआत की है, हम उसे हर हाल में पूरा करेंगे। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि प्रधानमंत्रीगरीब कल्याण अन्न योजना के तहत कोई भी गरीब भूखा न रहे। हमारा संकल्प है कि हरगरीब को मुफ्त राशन मिले। उन्हेांने कहा कि पहले खाद्यान्न माफिया सक्रिय होकरगरीबों को मिलनेवाले राशन को डकार जाते थे, लेकिन अब पूरी पारदर्शिता के साथ पात्रोंको राशन पहुंच रहा है। वर्ष 2005 से 2006 में हुआ खाद्यान्न घोटाला और भूख से हुए मौत के मामले किसी से छिपे नहीं हैं।अब प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता के कारण यह खाद्यान्न सीधे पात्र व्यक्तियों तकपहुंच रहा है इसमें बीच में कोई भी ऐसी कड़ी नहीं है जहां घोटाला हो सके। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 15 करोड़ लोगों को 80 हजार राशन की दूकानों के माध्यम से यह मुफ्त खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है।मुफ्त राशन वितरण का यह अब तक का सबसे बड़ा अभियान है।

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