बच्चों के दांत की देखभाल को तब तक नजरंदाज किया जाता है जब तक उनका पहला दांत निकल नहीं आता, जो कि 6 महीने के बाद आना शुरू होता है। पर क्या आपको पता है की बच्चों के शुरुआती दांत जिसे “प्राइमरी दांत” भी कहते हैं, वो उनके क्यूट से मसूड़ों के अंदर ऑलरेडी मौजूद होते हैं?

ये सच है कि बच्चों के “प्राइमरी दांत” तब से मौजूद होते हैं जब वो मां के गर्भ में 6 हफ्ते के रहते हैं। तो ये बात तो आपको पता चल ही गया होगा कि बच्चों के दांतों की देखभाल तब से ही आवश्यक है जब वे मां के गर्भ में होते हैं। तो आइए जानते हैं, गर्भ से ही बच्चों के दांतो की देखभाल के लिए क्या किया जा सकता है

​अच्छा डाइट लेना हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए है आवश्यक

अच्छी डाइट लेना ना केवल बच्चे के दांतों के लिए बल्कि, उसके सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। सही खानपान से बच्चे के दांतों पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है। अच्छे खान पान का असर लाइफ लांग दांतो पर देखा जा सकता है।

प्रोटीन इंटेक पर दें विशेष ध्यान

प्रोटीन हमारे शरीर के लिए सबसे आवश्यक तत्व होता है। शरीर के सेल्स और टिश्यू को रिपेयर करने में प्रोटीन काफी महत्वपूर्ण होता है। उसी तरह से दांतों के लिए भी प्रोटीन इंटेक काफी ज्यादा जरूरी है।

हमारे दांत मूल रूप से कैल्शियम ही हैं। अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान पर्याप्त कैल्शियम नहीं लेते, तो आपका शरीर बच्चे के लिए संपूर्ण आवश्यक कैल्शियम आपके दांतों और हड्डियों से ले लेता है। जो आपके शरीर के लिए विनाशकारी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का सेवन करें।

फास्फोरस और विटामिन डी

पर्याप्त फास्फोरस का सेवन नही करने से बच्चे के दांत कठोर और जल्दी टूटने वाले हो जाते हैं। फास्फोरस बहुत से भोजन में मौजूद होता है जैसे मीट, दालें, मिल्क प्रोडक्ट्स इत्यादि।

बच्चे के प्रॉपर ग्रोथ के लिए विटामिन डी बहुत ही आवश्यक होता है। इसके बिना कोई मतलब नही कि आप कितना कैल्शियम और फास्फोरस का सेवन कर रहे हैं, क्योंकि विटामिन डी के बिना हमारा शरीर कैल्शियम और फास्फोरस को अब्जॉर्ब नही कर पाता।

अच्छी बात ये है कि हमारा शरीर खुद विटामिन डी प्रोड्यूस करता है, जब हम धूप के सामने जाते हैं। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान सुबह की हल्की धूप का ताप जरूर लें।

​खुद के दांतों का रखें ध्यान

अगर आपके दांतों में कोई समस्या या सड़न हो तो आपके बच्चे के दांतों में समस्या और भी बढ़ सकती है। यह सुनिश्चित करें कि आप प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा चिपचिपा और अधिक मीठे का सेवन ना करें और अच्छी डाइट लें।

पानी बच्चे के विकास के लिए बहुत ही आवश्यक होता है। साथ ही पानी मे मौजूद फ्लोराइड बच्चे के ओरल हेल्थ को बेहतर बनाता है।इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान पर्याप्त पानी का सेवन करना ना भूलें।

​फोलिक एसिड

फोलिक एसिड बच्चे को ओरल कैविटी बर्थ डिफेक्ट से प्रीवेंट करता है। फोलिक एसिड लेना गर्भावस्था में बहुत जरूरी होता है, लेकिन सिर्फ डॉक्टर द्वारा बताए हुए फोलिक एसिड दवाइयों का ही इस्तेमाल करें।

एंटीबायोटिक या हाई डोज एंटीबायोटिक का सेवन करना दांतों के लिए नुकसानदायक होता है। इसलिए इसे जितना हो सके अवॉइड करें।

बच्चे के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आहार बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, इसी तरह से उनके दांतों के स्वास्थ्य के लिए भी आहार ही जिम्मेदार है। इसलिए जरूरी है कि मां अपना और अपने बच्चे का प्रेगनेंसी के वक्त भरपूर ध्यान रखे।

 

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