आपने अपने आस-पास कई बार लोगों को यह कहते सुना होगा कि उनका बढ़ता मोटापा खान-पान में बरती गई लापरवाही नहीं बल्कि थायरॉइड रोग की देन है। पर क्या कोई रोग वाकई सेहत को नुकसान पहुंचाने के साथ आपका मोटापा भी बढ़ा सकता है। आइए जानते हैं आखिर क्या है थायरॉइड, उसके लक्षण और कैसे इन 5 आसान उपायों को अपनाकर आप कर सकती हैं थायरॉइड से बढ़े मोटापे की छुट्टी।

क्या है थायरॉइड –

हर व्यक्ति के गले के ठीक नीचे की तरफ थायरॉइड ग्लैंड ग्रंथि मौजूद होती है। इस ग्रंथि से निकलनेवाला थायरॉइड हॉर्मोन ब्लड के जरिए हमारे पूरे शरीर में प्रवाहित होता है। दिमाग से लेकर दिल तक, लगभग शरीर के हर हिस्से को इसकी जरूरत होती है। थाइरॉयड रोग को ही हाइपोथायरॉइडिजम के नाम से भी जाना जाता है। यह एक सामान्य विकार है, जो तब होता है जब व्यक्ति की थाइरॉयड ग्रांथि पर्याप्त थाइरॉयड हार्मोन नहीं बना पाती है। आमतौर पर इसे महिलाओं की बीमारी माना जाता है। उनमें खासतौर पर हाइपोथायरॉइडिजम देखने को मिलता है।

थाइरॉयड के लक्षण-

थाइरॉयड रोग के लक्षण अलग-अलग रोगियों में अलग-अलग नजर आ सकते हैं। लेकिन कुछ सामान्य लक्षण जो हाइपोथायरॉइडिज़म के ज्यादातर मरीजों में देखने को मिलते हैं वो हैं-

-त्वचा का रुखापन

-आवाज में बदलाव

-बाल तेजी से झड़ना

-कब्ज रहना

-थकान महसूस करना

– मांसपेशियों में ऐंठन होना

– हल्की-सी ठंड भी बर्दाश्त ना कर पाना

-नींद आने में समस्या

-माहवारी (Periods)संबंधी दिक्कतें

-मोटापा बढ़ना

– स्तनों से अपने आप वाइट डिस्चार्ज होना

-पसीना कम आना

-त्वचा का रंग बदलना

थाइरॉयड के रोगी मोटापा कम करने के लिए करें ये उपाय-

अगर आप भी थाइरॉयड रोगी हैं और अपने बढ़ते वजन से परेशान हो चुके हैं तो अपनाएं ये 5 उपाय। ये सभी उपाय आपके चयापचय को बेहतर बनाकर वजन कम करने की प्रकिया को आसान बना देते हैं।

-आयोडीन का सेवन-

आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों में से एक थायराइड भी है। आयोडीन थायराइड ग्रंथि को अच्‍छी तरह काम करने में मदद करता है। यदि आप हाइपोथायरॉइडिज़म के रोगी हैं तो अपने भोजन में आयोडीन की सही मात्रा जरूर शामिल करें। ऐसा करने से शरीर में टीएसएच का उत्पादन बढ़ेगा। इसके लिए आप अपनी डाइट में मछली, अंडे, टेबल नमक जैसे खाद्य पदार्थ को शामिल कर सकते हैं।

फाइबर-

थाइरॉयड रोगी अपनी डाइट में फाइबर शामिल करके अपना वजन जल्दी से घटा सकते हैं। फाइबर का सेवन पाचन को विनियमित करके शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके लिए आप अपनी डाइट में उचित मात्रा में फल, सब्जी और दालें शामिल कर सकते हैं।

ग्लूटन फ्री चीजों का सेवन-

हेल्थ पर हुए कई शोध की मानें तो ग्लूटन सेंसिटिविटी और कुछ ऑटोइम्यून स्थतियों के बीच गहरा रिश्ता पाया गया है। ग्लूटन युक्त पदार्थ सूजन पैदा करके थायरॉयडिटिस बढ़ा सकता है।उदाहरण के लिए, हाशिमोटो थाइरॉयडिटिस के कारण व्यक्ति को थाइरॉयड हो सकता है। इसलिए, ग्लूटन-फ्री चीजें खाने से हाइपोथायरॉइडिज़म को नियंत्रित करने और वजन घटाने में मदद मिल सकती है।

दवा लेने में अनियमितता-

थायराइड के दौरान मोटापा बढ़ने की एक बड़ी वजह दवा लेने में अनियमितता है। ऐसे में अगर आप इस बीमारी से जूझ रहे हैं तो सबसे पहले अपनी दवा लेने का एक समय निश्चित कर लें, आप दवा लेने में भूल न करें।

चीनी और कार्ब से भरपूर खाद्घ पदार्थों का सीमित सेवन-

वजन कम करने के लिए थाइरॉयड रोगी को चीनी का सेवन कम करना चाहिए। अधिक स्टार्च और कार्ब  वाले खाद्य पदार्थों की जगह ऐसे खाद्य पदार्थों का चयन करें जो शरीर में इंसुलिन के स्तर को नहीं बढ़ाती या फिर जिनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।

इस आलेख में दी गई जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है हालांकि इसकी नैतिक जि़म्मेदारी लाइव हिन्दुस्तान डॉट कॉम की नहीं है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है।

 

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