दांत निकलना बच्‍चों के लिए काफी दर्दभरा अनुभव होता है। मसूडों में खुजली होना या खून निकलने की वजह से बच्‍चों को बहुत दिक्‍कत होती है और इस वजह से वो अक्‍सर रोने लगते हैं। कई पैरेंटस इस स्थिति को कोलिक समझ लेते हैं जिसमें बच्‍चा कई घंटों तक रोता रहता है।

पैरेंटस के लिए बच्‍चे को रोता हुआ देखना सबसे ज्‍यादा पीडादायक होता है और जब बच्‍चा तकलीफ में हो तो मुश्किलें और भी बढ जाती हैं। इस समय बच्‍चे को आराम दिलाने के लिए डॉक्‍टर विटामिन और कैल्शियम लिख सकते हैं लेकिन पैरेंट होने के नाते अपने बच्‍चे के दर्द को म करने के लिए आप बहुत कुछ कर सकते हैं।

आइए जानते हैं कि दांत निकलने पर बच्‍चे के दर्द को कैसे कम किया जा सकता है।

​ज्‍यादा पानी पिलाएं

दांत आने पर बच्‍चे को अधिक से अधिक तरल पदार्थ देना जरूरी होता है। ब्रेस्‍ट मिल्‍क के अलावा भी बच्‍चे को तरल पदार्थ देना चाहिए। दांत निकलने के समय पर ब्रेस्‍ट मिल्‍क को पंप कर कुछ देर के लिए फ्रिज में रख दें और फिर शिशु को पिलाएं।

थोडा ठंडा दूध पीने से बच्‍चे को रिलैक्‍स महसूस हो सकता है। जैसे दांत की सर्जरी के बाद अक्‍सर डॉक्‍टर आइस्‍क्रीम खाने के लिए कहते हैं, ठीक वैसे ही ठंडा दूध पीने से भी बच्‍चे को दांतों में आराम मिलता है।

​मालिश करें

अगर आपका बच्‍चा दांत में दर्द की वजह से बेचैन हो रहा है तो मालिश से उसे आराम मिल सकता है। हल्‍के हाथों से बच्‍चे की सिर और पैरों की मालिश करें। इससे शिशु को रिलैक्‍स महसूस होता है। मालिश से बच्‍चे के मसूडों का दर्द तो कम नहीं होता है लेकिन उसे नींद आने और रिलैक्‍स होने में जरूर मदद मिलती है।

​कैमोमाइल चाय

कुछ लोग दांत दर्द को कम करने के लिए कैमोमाइल टी लेने की भी सलाह देते हैं और कुछ नैचुलर टी‍थिंग प्रोडक्‍टस में कैमोमाइल का उपयोग किया जाता है। बच्‍चे को हमेशा कैफीन फ्री टी ही देनी चाहिए। आप बच्‍चे को ऊंगली से चाय चटाएं और ठंडी चाय दें।

​शहद चटाएं

शहद में एंटीबैक्‍टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिस वजी से घाव को भरने और चोट से जल्‍दी आराम दिलाने में शहद बहुत उपयोगी होता है। शिशु को शहद चटाने से दर्द से राहत मिलती है जिससे मसूड़ों में सूजन में भी कमी आती है। शिशु थोडा सा शहद चटाएं।

​डॉक्‍टर से बात करें

ऐसा जरूरी नहीं है कि हर बच्‍चे को घरेलू नुस्‍खों से आराम जरूर मिले। इ‍सलिए बेहतर होगा कि आप दांत निकलने पर आप डॉक्‍टर से बात करते रहें और उनसे दर्द को कम करने के तरीकों के बारे में पूछें। बच्‍चों को कोई भी चीज डॉक्‍टर से पूछे बिना न दें।

 

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