कौन नहीं चाहता कि उसकी तस्वीर में उसकी मुस्कराहट परफेक्ट हो और मुंह का स्वास्थ्य भी अच्छा हो? इसके बाद भी अधिकांश लोग अपने मुंह की सेहत के लिए उठाए जाने वाले कदमों के प्रति अनजान बने रहते हैं। हमने कई बार सुना है कि ‘ब्रशिंग ट्वाइस अ डे, कीप कैविटीज अवे’ (दिन में दो बार दांत साफ करने से उन्हें कीड़ों से बचाया जा सकता है)। लेकिन, हम में से कुछ लोग मुंह की सेहत की देखभाल में भी कई गलतियां कर बैठते हैं।

मुंह के स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखने से आपको दांतों का कमजोर होना, मसूड़ों में खून आना, मुंह से दुर्गन्ध आना जैसी समस्याओं का खतरा हो सकता है। जाहिर है मुंह से जुड़ी इस तरह की समयाएं किसी के लिए भी शर्मिंदगी का कारण बन सकती हैं। माय डेंटल प्लान हेल्थकेयर के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. मोहेंदर नरूला उन आम गलतियों की बात कर रहे हैं, जो ज्यादातर लोग करते हैं और यह भी बता रहे हैं कि उन्हें कैसे ठीक किया जा सकता है।

​आपका टूथब्रश नहीं बदलना

प्रत्येक व्यक्ति को फ्लू होने पर टूथब्रश तत्काल बदल देना चाहिए। ब्रश को नियमित अंतराल के बाद बदलना चाहिए। आम तौर पर 12-16 हफ्ते में ब्रश बदलना आदर्श होता है। समय गुजरने के साथ-साथ ब्रश के ब्रिस्टल्स की क्षमता कम होती जाती है, इसलिए यह सलाह दी जाती है। अगर किसी टूथब्रश का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है तो कीटाणु भी समस्या बन सकते हैं।

​गलत समय पर ब्रश करना

दिन में दो बार ब्रश करने की सलाह दी जाती है, पर आपको पता होना चाहिए कि ब्रश करने का सही समय क्या है। गलत समय पर ब्रश करना आपके दांतों के लिए नुकसानदायक है। संतरा, कॉफी या एसिडिक प्रकृति के अन्य खाद्य पदार्थों के तत्काल बाद ब्रश नहीं करना चाहिए। मुंह में उनके एसिड का असर खत्म होना बेहद जरूरी है। इसके लिए 30 मिनट का इंतजार करें।

वैसे तो यह सूची बहुत बड़ी है, लेकिन हमने सिर्फ उन बड़ी गलतियों की बात की, जो लोग अपने दांतो की देखभाल में आम तौर पर करते हैं। सिर्फ डेंटिस्ट ही पता लगा सकता है कि किसी व्यक्ति ने क्या गलतियां की हैं और उसे कैसे दूर करें।

​बहुत ज्यादा ताकत लगाकर दांत साफ करना

ओवर-एग्रेसिव होकर ब्रश करना खतरनाक है। इसकी वजह से इनेमल को नुकसान पहुंच सकता है और इसका असर आपके दांतों की जड़ों और नसों पर भी हो सकता है। ब्रश करते समय बहुत ज्यादा ताकत लगाने की जरूरत नहीं है। बहुत ताकत लगाकर ब्रश करना सबसे आम समस्याओं में से एक है और इसकी वजह से मुंह की सेहत खराब होती है।

​नियमित डेंटल चेक-अप न कराना

डेंटिस्ट का डर, आलस, खर्च की चिंता, नियमित डेंटल चेक-अप न कराने के कई और भी कारण हैं और यह लोगों से होने वाली सबसे बड़ी और आम गलती है। इसे ठीक करने का सिर्फ एक ही तरीका है कि आप अपने दांतों की नियमित जांच को गंभीरता से लें और मुंह की सेहत को प्राथमिकता दें। आंकड़ें बताते हैं कि लोग डेंटिस्ट के पास तभी जाते हैं, जब उन्हें दांतों से जुड़ी कोई बीमारी होती है। हालांकि, उन्हें पता होना चाहिए कि एक साल में दो बार डेंटिस्ट से जांच कराना चाहिए। इससे मुंह की समस्याओं को जल्दी पहचानने और सही समय पर इलाज शुरू करने में मदद मिलती है।

​दांतों के बीच की सफाई

दांतों की सफाई के दौरान यह महत्वपूर्ण कि हम अन्य पहलुओं पर ध्यान दें। ऐसा ही एक पहलू है दांतों के बीच की सफाई। अगर आपने इसे नजरअंदाज किया तो दांतों में सड़न, मसूड़ों की बीमारियां और इसी तरह की अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। दांतों के बीच में फंसे खाने के छोटे-छोटे टुकड़ों से प्लाक जमा हो सकता है, इसलिए फ्लॉसिंग की सलाह दी जाती है।

 

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