जन्म के बाद नवजात शिशु की आंखें पूरी तरह से विकसित नहीं हुई होती हैं लेकिन कलर विजन रहता है। इसके बाद धीर-धीरे बच्चे की आंखों का विकास होता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे को साफ दिखाई नहीं देता है बल्कि उसका विजन धीरे-धीरे डेवलप होता है।
आगे इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि नवजात शिशु को कब साफ दिखना शुरू होता है।
कब देखना शुरू करते हैं शिशु
नन्हे शिशु क लिए यह दुनिया नई और अद्भुत होती है। अभी उसे बहुत सारे स्किल्स सीखने होते हैं। चलने, बैठने और बात करने के साथ-साथ उसे अपनी आंखों का भी पूरा इस्तेमाल करना सीखना होता है।
स्वस्थ शिशु जन्म के साथ ही देखने की क्षमता रखते हैं लेकिन आंखों से फोकस करने, उन्हें ठीक तरह से मूव करने या एकसाथ आंखों को घुमाना, ये सब अभी भी उन्हें सीखना होता है।
दुनिया को समझने के लिए प्रोसेसिंग विजुअल इंफॉर्मेशन जरूरी होती है। नवजात शिशु में नजर और आंखों की प्रॉब्लम की वजह से विकास में देरी आ सकती है। इसलिए आपके लिए जरूरी है कि आपको पता हो कि उम्र के हिसाब से बच्चे की आंखों का कितना विकास होना है।
0 से 4 महीने का शिशु
पैदा होने के बाद शिशु 8 से 10 इंच दूर वाली चीज पर फोकस कर सकता है। गर्भ में फैले अंधेरे में रहने के बाद इस दुनिया का उजाला, बच्चे को अलग लगता है। पहले कुछ महीनों में बच्चे की आंखें एकसाथ काम करना सीखती हैं क्योंकि उनके लिए अभी को-ऑर्डिनेशन करना मुश्किल हो सकता है। हो सकता है कि बच्चे की एक आंख नीचे रहे और दूसरी ऊपर लगे। आप इस बारे में पीडियाट्रिशियन से भी बात कर सकती हैं।
इस समय बच्चे की आंखों और हाथों के बीच को-ऑर्डिनेशन भी विकसित हो रहा है। इस स्टेज में कलर विजन पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है और ये नहीं कहा जा सकता है कि बच्चा रंगों को कितना पहचान पा रहा है।
आठवें हफ्ते में ज्यादातर बच्चे अपने पैरेंट्स के चेहरे पर आसानी से फोकस कर पाते हैं। 3 महीने के बच्चे की आंखें आसपास की चीजों को फॉलो कर सकती हैं। वो रंग-बिरंगे खिलौने देखकर, उन्हें पकड़ने के लिए दौड़ सकता है।
5 से 8 महीने का शिशु
इन महीनों में बच्चे की आईसाइट में बहुत बदलाव आता है। अब वो कई नए स्किल्स सीखना शुरू करती हैं। बच्चा पास और दूर की चीजों को पहचान सकता है। आमतौर पर 5 महीने के होने तक बच्चे की आंखें ठीक तरह से एकसाथ काम नहीं कर पाती हैं। इस उम्र में बच्चा चीजों को गहराई से देखना शुरू करता है।
आंखों से हाथों के को-ऑर्डिनेशन में भी सुधार आता है और बच्चा आसपास की चीजों को उठाने लगता है। इस उम्र तक कई बच्चे घुटने के बल चलना सीख लेते हैं जिससे उनकी आंखों और हाथों के को-ऑर्डिेनेशन में सुधार आने में मदद मिलती है। अब कलर विजन में भी सुधार आ चुका होता है।
9 से 12 महीने का बच्चा
एक साल के होने तक बच्चा दूरी को मापने लगता है, मतलब कि उसे समझ आने लगता है कि कौन-सी चीज उससे कितनी दूर है। अब बच्चे खिलौने या चीजें हाथ में लेकर फेंकने भी लगते हैं।
अब बच्चे को पास और दूर की चीजें बहुत साफ दिख सकती हैं। वो तेजी से चल रही चीजों पर आसानी से फोकस कर सकता है। अगर आप बच्चे को खिलौने दिखाकर उनके नाम बताएंगे, तो वो उनकी पहचान करना भी सीख लेगा।