अक्‍सर पेरेंट्स के मन में यह सवाल आता है कि नन्‍हे बच्‍चे के बालों की देखभाल किस तरह की जानी चाहिए और कितनी बार बालों को शैंपू किया जाना चाहिए।

शिशु की स्किन और बाल बहुत नाजुक और कोमल होते हैं। जन्‍म के बाद से ही शिशु के बालों और त्‍वचा की सही देखभाल करने की जरूरत होती है। हमारे यहां शिशु की रोज तेल मालिश करने की रीति है क्‍योंकि इससे स्किन को पोषण और नमी मिलती है। लेकिन क्‍या आप ये जानती हैं कि शिशु के बालों को रोज या हफ्ते में कितनी बार शैंपू किया जा सकता है? शिशु की देखभाल में यह भी एक अहम सवाल है कि उसे नहलाने पर बालों में कितनी बार शैंपू किया जाना चाहिए। तो चलिए जानते हैं इस सवाल का जवाब क्‍या है।

​कितनी बार करना चाहिए शैंपू

नवजात शिशु को शैंपू की जरूरत ही नहीं होती है क्‍योंकि उसका स्‍कैल्‍प बहुत नाजुक होता है और बार-बार शैंपू करने से स्‍कैल्‍प पर मौजूद नैचुरल ऑयल और नमी खोने लगती है। शिशु ज्‍यादातर समय बिस्‍तर पर ही रहता है इसलिए उसके बालों में ज्‍यादा धूल-मिट्टी नहीं होती है। जन्‍म के बाद शुरुआती कुछ हफ्तों में आप बस गीले कपड़े से बच्‍चे के बाल साफ कर दें आर फिर उसे सुखा लें।

एक महीने के होने के बाद शिशु के बालों को शैंपू करें। एक डिब्‍बे पानी में शैंपू की कुछ बूंदें डालें और पानी से स्‍कैल्‍प को साफ करें। इससे शिशु के स्‍कैल्‍प भी साफ हो जाएगा और नैचुरल ऑयल्‍स भी बने रहेंगे।

​कितनी बार करें शैंपू

कुछ शिशुओं के बहुत कम बाल होते हैं इसलिए उन्‍हें बार-बार शैंपू करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है। लेकिन नवजात शिशु के सिर पर ज्‍यादा बाल होते हैं और इनमें अधिक पसीना आने की वजह से बालों को ज्‍यादा धोने की जरूरत पड़ती है। किसी किसी बच्‍चे के बाल बहुत जल्‍दी चिपचिपे हो जाते हैं इसलिए इन्‍हें अक्‍सर शैंपू करने की जरूरत पड़ती है।

जब शिशु घुटनों पर चलना शुरू कर देता है और अपनी आसपास की चीजों को देखकर, उन्‍हें पकड़ने की कोशिश करता है, तब आप उसके बालों को रोज धोना शुरू कर सकती हैं क्‍योंकि इस समय शिशु अपने बालों को ज्‍यादा गंदा कर लेता है।

​सही शैंपू चुनना है जरूरी

शिशु के लिए शैंपू चुनते समय आपको थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। शिशु के बाल बहुत नाजुक होते हैं इसलिए माइल्‍ड शैंपू का ही इस्‍तेमाल करें। इससे बच्‍चे का स्‍कैल्‍प साफ और मॉइश्‍चराइज रहता है।

जो शैंपू आप इस्‍तेमाल करते हैं, उसमें सल्‍फेट के साथ कई अन्‍य केमिकल भी होते हैं जो बच्‍चे के बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इनमें पीएच का उच्‍च स्‍तर भी हानिकारक हो सकता है। इससे बाल उलझ जाते हैं। माइल्‍ड शैंपू में पीएच 4.5 से 6 तक होता है जो शिशु के लिए बिल्‍कुल सही है।

​जब बच्‍चे को पसंद न आए शैंपू

कुछ बच्‍चों को अपने बाल शैंपू करने बिल्‍कुल अच्‍छे नहीं लगते हैं इसलिए नहाते समय वो बहुत नखरे दिखाते हैं। जब भी आप अपने बच्‍चे काे नहलाएं, तो उसे उसके पसंदीदा खिलौने के साथ बिजी रखें। बच्‍चे के बाथ टब में रंग-बिरंगे टॉय रखें ताकि उसका ध्‍यान शैंपू और नहाने की प्रक्रिया पर कम जाए। आप किसी अच्‍छी कंपनी या ब्रांड का बेबी शैंपू इस्‍तेमाल करें।

 

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