शिशु में कोलिक पेन होना आम बात है और नवजात शिशुओं में यह समस्‍या बहुत देखी जाती है। शिशु को कोलिक पेन से राहत दिलाने के लिए कई घरेलू नुस्‍खे प्रचलित हैं जिनमें जन्‍म घुट्टी भी शामिल है लेकिन क्‍या बार-बार बेबी को जन्‍म घुट्टी दे सकते हैं?

शिशु को जब पेट दर्द होता है तो वो घंटों तक लगातार रोता रहा है। पहले तीन महीनों में शिशु को यह तकलीफ ज्‍यादा होती है। जब शिशु लगातार तीन या इससे ज्‍यादा घंटे तक रोता रहता है तो इसे कोलिक पेन कहते हैं। शिशु को कोलिक पेन होने के किसी एक स्‍पष्‍ट कारण के बारे में पता नहीं है लेकिन कई कारक मिलकर यह दर्द पैदा कर सकते हैं जैसे कि शिशु का पाचन तंत्र पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है, पाचन मार्ग में हेल्‍दी बैक्‍टीरिया के असंतुलित होने, फूड एलर्जी , डकार न आने, कम या ज्‍यादा दूध पी लेने, कम उम्र में ही माइग्रेन होना आदि।

कहते हैं कि कोलिक पेन से रोने पर शिशु को जन्‍म घुट्टी देनी चाहिए। इससे शिशु को आराम मिलता है। वहीं दांत निकलने और मसूड़ों में सूजन आने पर या टीका लगने पर होने वाले दर्द से आराम पाने के लिए भी जन्‍म घुट्टी दी जाती है। जन्‍म घुट्टी ऐसी चीजों से बनी होती है जो पाचन के लिए अच्‍छी होती हैं। यह पेट फूलने की समस्‍या से भी आराम दिलाती है। लेकिन अगर बेबी को बार-बार कोलिक पेन हो रहा हो, तो क्‍या हम उसे बार-बार जन्‍म घुट्टी दे सकते हैं?

​क्‍या है राय

अगर शिशु को बार-बार कोलिक पेन हो रहा है, तो इससे राहत दिलाने के लिए आप बच्‍चे को बार-बार जन्‍म घुट्टी नहीं पिला सकते हैं। हो सकता है कि नवजात शिशुओं के लिए हर्बल मिश्रण ठीक न हों। पहले 6 महीनों में शिशु को बस मां के दूध की जरूरत होती है।

कोलिक पेन से राहत दिलाने के लिए कई वै‍कल्पिक दवाओं या हर्बल उपचारों के बारे में बात की जाती है लेकिन इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि ये कोलिक ट्रीटमेंट करते हैं।

​क्‍यों नहीं देनी चाहिए

जन्‍म घुट्टी जैसे हर्बल नुस्‍खों में शहद हो सकता है जो एक साल से कम उम्र के शिशु को नहीं देना चाहिए। कुछ दुर्लभ मामलों में शहद से शिशु को फूड पॉइजनिंग होने की बात सामने आई है इसलिए नवजात शिशुओं को इसे न खिलाने की ही सलाह दी जाती है।

​जानें एक्‍सपर्ट की सलाह

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के अनुसार 6 महीने से कम उम्र के शिशु को मां के दूध या फॉर्मूला मिल्‍क के अलावा और कुछ नहीं देना चाहिए। यहां तक कि कई डॉक्‍टर तो नवजात शिशु के लिए भी जन्‍म घुट्टी की सलाह नहीं देते हैं।

​डॉक्‍टर से करें बात

अगर आपका बच्‍चा लगातार रो रहा है, तो उसे अपनी मर्जी से कोई भी दवा देने की बजाय डॉक्‍टर से सलाह लें। डॉक्‍टर बता पाएंगे कि बच्‍चा कोलिक पेन की वजह से रो रहा है या कोई और बात है।

​आयुर्वेदिक डॉक्‍टर की सलाह

बेंगलुरु के जीवोत्तम आयुर्वेद केंद्र के वैद्य डॉ. शरद कुलकर्णी, एम.एस.(आयुर्वेद), (पीएच.डी.) का कहना है कि कोलिक पेन होने पर शिशु को सुबह एक बार और रात में एक बार जन्‍म घुट्टी पिला सकते हैं लेकिन बार-बार नहीं देनी चाहिए।

 

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