सावन के माह शिव भक्त अकौआ के फल और फूल की तलाश में होते हैं। कुछ लोगों को ये आसानी से मिल जाता है तो तमाम इसे पैसों में खरीदते हैं। आमतौर पर ये जहरीला पौधा होता है लेकिन इससे कई तरह की बीमारियां का इलाज किया जाता है।

भारत देश का एक प्रसिद्ध औषधीय पौधा है। इसे आक, आर्क और अकौआ के रूप में भी जाना जाता है। आमतौर पर लोग इस पौधे को जहरीला मानते हैं और इससे दूरियां बनाए रखते हैं लेकिन सेहत के लिए ये पौधा अत्यधिक लाभकारी है। इसे कोई उगाने की कोशिश नहीं करता बल्कि ये ये अपने आप ही बढ़ता है। जहरीला होने के कारण ये जानवरों द्वारा भी नहीं खाया जाता लेकिन ये हमारी कई स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक कर सकता है। कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए आप इस आयुर्वेदिक पौधे की पत्तियों, फलों, फूलों और दूध का उपयोग कर सकते हैं। मदर पौधों के सभी स्वास्थ्य लाभों के बारे में पढ़ें।

​पाचन में मदद करता है

यदि आप अपच से पीड़ित हैं या किसी और पेट संबंधी समस्या से परेशान हैं तो मदार प्लांट्स आपके लिए अत्यधिक फायदेमंद हो सकते हैं। इससे आपको पेट से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या को दूर करने में मदद मिलेगी।

​मदार के पेड़ का पौराणिक महत्व

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार, आक के पेड़ की पत्तियों को अगर घर के मुख्य द्वार के बाहर टांगना शुभ माना जाता है। बताया जाता है कि जिस घर के बाहर आक पेड़ के पत्ते टंगे होते हैं उस परिवार के सदस्यों को बुरी नजर का कोई असर नहीं होता। अकौआ का फूल और फल भगवान शंकर को बहुत प्रिय होता है।

चूंकि भोलनाथ विष का प्याला यूं ही पी जाते हैं तो वे आक के फल को भी पसंद करते हैं। सावन में अकौआ के पेड़ का काफी महत्व है। हर सोमवार को शिव भक्त आक के फल और फूल भोलेनाथ को जल के साथ अर्पण करते हैं। आगे हम इसके हेल्थ बेनिफिट्स बता रहे हैं।

​बवासीर के लिए आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है मदार

आयुर्वेद के अनुसार, अगर किसी को बवासीर की बीमारी है तो उसके लिए आक का औषधीय पौधा एक अचूक जड़ी-बूटी साबित हो सकता है। बवासीर के मरीज के लिए अकौआ के पत्तों का उपयोग करना फायदेमंद होता है। इसके लिए उन्हें आक के पत्तों को जलाना है और उसके धुएं को नियमित रूप से लेना है। ऐसा करने से बवासीर की खुजली और दर्द से जल्द छुटकारा मिलता है।

​सूजन कम करने में फायदेमंद

शरीर से सूजन को दूर करने के लिए मदर प्लांट की पत्तियों का इस्तेमाल लंबे समय से किया जा रहा है। अकौआ के पत्ते को उदर की तरफ तबा पर थोड़ तेल डालकर हल्का गर्म करें और फिर सूजन वाली जगह लगाएं। ऐसा करने से सूजन में तुरंत आराम मिलता है। अधिक सूजन है कि तो आप 5-6 दिनों तक इसी तरह आक के पत्तों को रखें। इससे निश्चित रूप से आपका दर्द छूमंतर हो जाएगा।’

​दमा

अकौआ यानी मदार के पौधे से कुछ सूखे फूल लें और उन्हें पीसकर पाउडर बना लें। फिर इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिला लें। अब आप इस मिश्रण का पाउडर के रूप में या फिर गर्म पानी के साथ सेवन करें। इससे आपकी अस्थमा, खांसी, सर्दी और कई अन्य समस्याओं से तुरंत राहत मिलेगी।

हैजा

प्राचीन काल से ही आक के पौधों का उपयोग हैजा को ठीक करने के लिए किया जाता है। बस पौधे की साफ जड़ की छाल लें और उसे सुखा लें। अब इसे पीसकर पाउडर बना लें। फिर उसमें अदरक का रस और काली मिर्च मिलाएं। मिश्रण तैयार होने के बाद इसे बेल कर मटर के आकार की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। अब हर 2 घंटे बाद एक गोली एक चम्मच पुदीने के रस के साथ लें जिससे हैजा दूर हो सकता है।

​मधुमेह को ठीक करने में मददगार मदार

आजकल, मधुमेह की बीमारी बहुत कॉमन हो गई है। हर परिवार में एक न एक सदस्य आपको डायबिटीज का मिल ही जाता है। इसे नियंत्रित करने की आवश्यकता है, क्योंकि हमारे पास इसका कोई इलाज नहीं है। मधुमेह के लिए भी अकौआ के पौधे की पत्तियां बेहद फायदेमंद होती हैं। इसके लिए आपको बस रोज सुबह पत्तों को पैरों के नीचे रखना और उनके ऊपर मोजे पहना है। सोने से पहले इन पत्तों को हटाना न भूलें। इससे आपको शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।

​त्वचा के लिए अच्छा

इस पौधे का दूध त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद होता है और स्किन की कई तरह की समस्याओं को दूर कर सकता है। इसके दूध को त्वचा, दाद, फोड़े या घावों पर लगाएं, और आप परिणाम देखेंगे। साथ ही दूध में मौजूद ऑक्सीडेंट आपकी त्वचा की सभी समस्याओं को दूर करने में सहायक होंगे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *