नई दिल्ली, एजेंसी  : कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने  सोमवार को लोकसभा में क्रिप्टोकरेंसी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की योजना बना रही है ,तब पीएम के ट्विटर हैंडल से एक लिंक ट्वीट किया गया जिसमें कहा गया कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने जा रही है। सरकार को संसद में स्पष्ट करना चाहिए कि वह क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने जा रही है या नहीं। दरअसल, पीएम मोदी के ट्विटर हैंडल को हैक कर एक ट्वीट किया गया था जिसमें दावा किया गया था कि भारत ने आधिकारिक रूप से बिटकॉइन को कानूनी मान्यता दे दी है। हालांकि दो मिनट बाद ही इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया था।

क्रिप्टोकरेंसी पर क्या है सरकार की राय

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने संसद में कहा था कि भारत में क्रिप्टो क्षेत्र को बढ़ावा देने की उसकी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इससे संबंधित बिल पेश किया जाएगा, इस बीच यह बात साफ है कि भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल?

जानकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा। इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बना रही है। इसकी तकनीक और इस्तेमाल को लेकर भी तैयारी की जा रही है। साथ ही, इस बिल के तहत ऐसा प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए 26 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी बिल भी शामिल है।

 

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